डीटीओ के पद के दुरूपयोग, अवैध वसूली, धमकी देने से आम लोगों का जीना मुहाल! विधायक की शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) लखीसराय मुकुल पंकज मणि पर वाहन चेकिंग के दौरान पद के दुरुपयोग, अवैध वसूली, धमकी देने और अभद्र व्यवहार जैसे आरोप लगाए गए हैं।

Lakhisarai DTO
Lakhisarai DTO- फोटो : news4nation

Bihar News : लखीसराय जिले के परिवहन विभाग से जुड़े एक मामले में कई गंभीर आरोप सामने आने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। इस पूरे प्रकरण में स्थानीय लोगों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों ने भी कई बार आवाज उठाई है, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी विभागीय कार्रवाई का इंतजार जारी है। तथ्यों के अनुसार, जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) लखीसराय मुकुल पंकज मणि पर वाहन चेकिंग के दौरान पद के दुरुपयोग, अवैध वसूली, धमकी देने और अभद्र व्यवहार जैसे आरोप लगाए गए हैं। मामले से संबंधित कई शिकायतें परिवहन विभाग, जिला प्रशासन और मानवाधिकार आयोग तक भी पहुंच चुकी हैं।


तत्कालीन विधायक प्रहलाद यादव ने भी लिखा था पत्र

विशेष बात यह है कि सूर्यगढ़ा के तत्कालीन विधायक प्रहलाद यादव ने भी 24 फरवरी 2025 को विधानसभा पत्र के माध्यम से इस पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि डीटीओ द्वारा वाहन चालकों से अवैध वसूली की जाती है, लाइसेंस होने के बावजूद अनावश्यक रूप से वाहनों को रोका जाता है तथा सरकारी पद का दुरुपयोग कर आम लोगों को प्रताड़ित किया जाता है। विधायक ने अपने पत्र में यह भी लिखा था कि जिले के छोटे वाहन चालकों और कारोबारियों का शोषण किया जा रहा है, जिससे माहौल खराब हो रहा है और शांतिपूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है। उन्होंने तत्काल जांच और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी।


महिला शिकायतकर्ता ने लगाए गंभीर आरोप

इस मामले में लखीसराय की महिला शिकायतकर्ता संगीता देवी ने भी बताया कि डीटीओ द्वारा उनके परिवार के वाहन को रोककर अवैध मांग की गई और विरोध करने पर हमला करने जैसी स्थिति उत्पन्न हुई। इसके अलावा एक अन्य शिकायतकर्ता कुमार किशोर सिंह ने भी विभागीय कार्यालय में गाली-गलौज व उत्पीड़न का आरोप लगाया।


मानवाधिकार आयोग ने भी मांगी रिपोर्ट

मुकुल पंकज मणि के खिलाफ पूर्व में अपर जिला परिवहन पदाधिकारी लखीसराय चांदनी श्रीकृष्णा ने भी कई किस्म के गंभीर आरोप लगाए थे। इसमें करियर बर्बाद करने और सेक्सुअल हरासमेंट से जुड़े मामलों का जिक्र है। इस मामले में  इसकी गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली ने भी परिवहन विभाग को नोटिस जारी कर समुचित कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने आरोप–पत्र प्राप्त होने के बाद विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।


फिर भी कार्रवाई ठप, शिकायतकर्ता परेशान

इतनी शिकायतें, जनप्रतिनिधि द्वारा पत्र लिखे जाने और मानवाधिकार आयोग के निर्देश के बाद भी विभागीय कार्रवाई रुकी हुई है। आरोप लगाने वालों का कहना है कि महीनों बीत चुके हैं, लेकिन जाँच आगे नहीं बढ़ी, जिससे पीड़ितों में गहरी असंतोष की भावना है।


पीड़ितों ने उठाई पुनः कार्रवाई की मांग

पीड़ितों और स्थानीय लोगों ने एक बार फिर सरकार और परिवहन विभाग से पारदर्शी जाँच कराने और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है।

धीरज पराशर की रिपोर्ट