लखीसराय कांग्रेस में टिकट की होड़ के बीच विनय सिंह गिरफ्तार, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के खिलाफ ठोक रहे थे ताल, टिकट की लड़ाई में उठा बवंडर!
विनय सिंह, जो विधान परिषद के सदस्य अजय सिंह के भाई हैं और लखीसराय से कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार माने जा रहे थे उनको भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) हजारीबाग ने गिरफ्तार कर लिया है।

Bihar Politics: लखीसराय विधानसभा सीट पर कांग्रेस में टिकट की होड़ अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है। जिला मुख्यालय से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक दावेदारों की लॉबिंग और राजनीतिक सियासत की हलचल तेज हो गई है। ऐसे में दावेदारों की गतिविधियों ने कांग्रेस खेमे में गहमागहमी और खलबली पैदा कर दी है। इसी बीच, विनय सिंह, जो विधान परिषद के सदस्य अजय सिंह के भाई हैं और लखीसराय से कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार माने जा रहे थे, उनको भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) हजारीबाग ने गिरफ्तार कर लिया है। विनय सिंह सूबे के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ ताल ठोकने वाले थे।
विनय सिंह, जो राजद के विधान परिषद सदस्य अजय सिंह के भाई हैं, इस बार कांग्रेस की टिकट की दावेदारी में हैं। कारोबारी पृष्ठभूमि और संपन्न संसाधनों के साथ विनय सिंह ने कांग्रेस स्क्रीनिंग समिति में अपना नाम पेश किया, जिससे उनकी दावेदारी औपचारिक रूप से मजबूत हो गई। राजनीतिक और आर्थिक रिसोर्स के आधार पर यह माना जा रहा था कि वे संगठनात्मक और वित्तीय समर्थन दोनों में सक्षम हैं, जो उन्हें टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभा सकता था।
अजय सिंह, जो वर्तमान में राजद से विधान परिषद सदस्य हैं, क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। हाल ही में राहुल गांधी की लखीसराय सभा से पहले उनके पोस्टर लगाए गए थे, जिन्हें फाड़ दिया गया। इस घटना के दौरान अजय सिंह ने घोषणा की कि विजय कुमार सिन्हा अब लखीसराय से विधायक नहीं रहेंगे।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हजारीबाग के अनुसार, विनय कुमार सिंह को जमीन के अवैध जमाबंदी मामले में गिरफ्तार किया गया है। एसीबी ने प्रेस रिलीज में बताया कि कांड संख्या एसीबी हजारीबाग 11/25 में गुरुवार को विनय कुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में नेक्सजेन के संचालक विनय कुमार सिंह पर आरोप है कि उन्होंने राजस्व और भूमि सुधार विभाग द्वारा 2013 में रद्द की गई पांच भूखंडों की अवैध जमाबंदी को फिर से स्थापित कर धोखाधड़ी की।
साथ ही एसीबी ने बताया कि इस घोटाले में जेल में बंद आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे की भी मिलीभगत थी। उनके समर्थन और सहायता से ही यह जमीन अवैध तरीके से कब्जाई गई। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक रिट याचिका की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के 1996 के आदेश का हवाला दिया गया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि जंगल में दर्ज किसी भी भूमि को वन विभाग की अनुमति के बिना इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।एसीबी के अनुसार, विनय कुमार सिंह इस जमीन के लाभार्थी और खरीदार दोनों थे। उनकी गिरफ्तारी से इस बड़े घोटाले के अन्य पहलुओं का भी खुलासा होने की संभावना है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विनय सिंह की गिरफ्तारी ने कांग्रेस में हड़कंप मचा दिया है। लखीसराय की राजनीति में इस घटना ने बवंडर खड़ा कर दिया है। टिकट की होड़, राजनीतिक दबाव और अब एसीबी की गिरफ्तारी ने लखीसराय को चुनावी सियासत का मैदान बना दिया है। कांग्रेस खेमे में मतभेद और रणनीतिक गणना अब और जटिल हो गई है। इस घटना के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किसे टिकट देती है और चुनावी मैदान में किसकी पकड़ कितनी मजबूत रहती है।
रिपोर्ट- कमलेश कुमार सिंह