Bihar Crime: पाँच आर्केस्ट्रा डांसर नशे में टल्ली हालत में गिरफ्तार,बिहार में महफ़िल और ठेंगा दिखाती शराबबंदी का खुलासा, प्रशासन में हड़कंप
Bihar Crime: पाँच आर्केस्ट्रा डांसर नशे की हालत में गिरफ्तार की गईं । मंच पर थिरकने से पहले, शहर की गलियों में नशे का दौर चल रहा था। जिस राज्य में शराब हराम है, वहां नशा आम कैसे हो गया?
Bihar Crime: पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में क़ानून की किताब मोटी है, मगर ज़मीन पर उसकी स्याही धुंधली पड़ती दिख रही है। लखीसराय से आई ताज़ा घटना ने एक बार फिर यह कटु सच्चाई सामने रख दी है कि शराबबंदी का नारा और हक़ीक़त के बीच गहरी खाई है। उत्पाद विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पाँच आर्केस्ट्रा डांसर नशे की हालत में गिरफ्तार की गईं और इसी के साथ सवालों की बोतल खुल गई।
बताया जा रहा है कि ये सभी युवतियाँ पश्चिम बंगाल से लखीसराय में एक आर्केस्ट्रा प्रोग्राम के लिए आई थीं। मंच पर थिरकने से पहले, शहर की गलियों में नशे का दौर चल रहा था। सूचना मिली कि बुकिंग कराने वालों की तरफ़ से ग़लत हरकत की कोशिश हो रही है। विरोध हुआ, ऑर्गनाइज़र ने थाना को ख़बर दी और पुलिस हरकत में आई। छापेमारी हुई, आठ लोग पकड़े गए, पाँच युवतियों को हिरासत में लेकर उत्पाद थाना भेजा गया। मेडिकल जांच ने तस्दीक कर दी शराब सेवन हुआ था।
जिस राज्य में शराब हराम है, वहां नशा आम कैसे हो गया? कवैया थाना अध्यक्ष अमित कुमार के नेतृत्व में पंजाबी मोहल्ला और पचना रोड इलाके में छापेमारी हुई, मगर जनता का सवाल पुलिस की फाइल से बड़ा है। लोग पूछ रहे हैं बंगाल से आई युवतियों को शहर में शराब मिली कहां से? क्या यह किसी संगठित शराब तस्करी के नेटवर्क का करिश्मा है, या फिर स्थानीय अवैध कारोबार की खुली दुकान?
उत्पाद अधिनियम के तहत कार्रवाई तो हो गई, गिरफ्तारी भी दर्ज हो गई, मगर शराबबंदी की आत्मा फिर कटघरे में खड़ी है। शराब पीने वाले पकड़ में आ जाते हैं, पर पिलाने वाला अक्सर अंधेरे में गुम हो जाता है। कानून का डंडा नीचे गिरता है, ऊपर की जड़ें सुरक्षित रह जाती हैं। यही वजह है कि हर छापेमारी के बाद वही सवाल लौट आता है क्या हम लक्षणों से लड़ रहे हैं, बीमारी से नहीं?
थानेदार का कहना है कि शराब के धंधेबाज़ का पता लगाया जा रहा है और उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा। मगर जनता को अब जांच जारी है से ज़्यादा ठोस जवाब चाहिए। वरना शराबबंदी सिर्फ़ सरकारी पोस्टर में जिंदा रहेगी, और ज़मीनी हक़ीक़त में हर बार ठेंगा दिखाती रहेगी।