Bihar News : बड़हिया रेफरल अस्पताल में MBBS डॉक्टर नदारद! ओपीडी चला रहे RBSK के आयुर्वेदिक चिकित्सक, गार्ड कर रहे डाटा एंट्री ऑपरेटर का कार्य, मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़
Bihar News : बड़हिया रेफरल अस्पताल में मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. जहाँ MBBS डॉक्टर नदारद है. वहीँ गार्ड डाटा एंट्री ऑपरेटर का काम कर रहे हैं. मरीजों की देखभाल की जिम्मेदारी आयुर्वेदिक चिकित्सक संभाल रहे हैं....पढ़िए आगे

LAKHISARAI : बिहार के लखीसराय जिले में स्थित बड़हिया रेफरल अस्पताल में शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गईं। जब अस्पताल में नियुक्त पाँच MBBS डॉक्टरों में से एक भी अपनी ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे। मरीजों की देखभाल की जिम्मेदारी मजबूरीवश RBSK (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के तहत नियुक्त आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. संजय को संभालनी पड़ी — जो नियमों और नैतिकता दोनों के स्पष्ट उल्लंघन के तहत आता है।
डॉक्टरों की गैर हाजिरी से मरीज बेहाल
हर दिन सैकड़ों मरीज इस अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं। लेकिन MBBS डॉक्टरों की अनुपस्थिति ने शुक्रवार को ओपीडी सेवा को लगभग ठप कर दिया। डॉक्टरों की जगह जहाँ आयुर्वेदिक चिकित्सक ओपीडी चला रहे थे। वहीं अस्पताल के गार्ड डाटा एंट्री ऑपरेटर का कार्य कर रहे थे, जो स्वास्थ्य तंत्र की बदहाली और प्रशासन की घोर लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण है। RBSK (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) भारत सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य नवजात से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की पहचान और समय पर इलाज सुनिश्चित करना होता है। इनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल हैं। नवजात शिशुओं से किशोरों तक की नियमित स्वास्थ्य जांच, आंगनवाड़ी और स्कूलों में स्क्रीनिंग के साथ गंभीर मामलों में रेफर की व्यवस्था की जानी है। स्पष्ट निर्देश हैं कि RBSK के अंतर्गत नियुक्त आयुर्वेदिक चिकित्सकों को ओपीडी संचालन की अनुमति नहीं होती, फिर भी अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण डॉ. संजय को ओपीडी चलानी पड़ी।
गार्ड कर रहे हैं डाटा एंट्री ऑपरेटर का कार्य!
अस्पताल में संसाधनों और स्टाफ की भारी कमी की पोल तब खुल गई जब डिजिटल डाटा एंट्री और रजिस्ट्रेशन का कार्य सुरक्षा गार्डों से करवाया जा रहा था। यह ना केवल प्रशासनिक विफलता है बल्कि मरीजों के निजी डाटा की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। यह स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है जब यह समझा जाए कि बड़हिया वही क्षेत्र है। जहाँ से बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिंह और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह आते हैं। ऐसे वीआईपी इलाके में भी अगर अस्पतालों की यह स्थिति है, तो राज्य के अन्य हिस्सों की कल्पना की जा सकती है।
क्या होगी कार्रवाई?
स्थानीय लोगों में इस लापरवाही को लेकर भारी आक्रोश है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से माँग की है कि अनुपस्थित डॉक्टरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो गार्ड से डाटा एंट्री जैसे तकनीकी कार्य कराना तत्काल बंद किया जाए अस्पताल प्रबंधन को दुरुस्त किया जाए
सिविल सर्जन का जवाब
जब इस मामले में सिविल सर्जन से बात की गई तो उन्होंने कहा:“मैं चिकित्सा पदाधिकारी, बड़हिया से बात करूंगा कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हो रही है, जहाँ RBSK के डॉक्टर से ओपीडी और गार्ड से डाटा एंट्री का कार्य लिया जा रहा है। इस पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”
लखीसराय से कमलेश की रिपोर्ट