विजय vs विजय : प्रशांत किशोर का लखीसराय में नारी शक्ति पर भरोसा! जनसुराज से पूर्व रक्षा मंत्री की बेटी को चुनाव लड़ाने की रणनीति

लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में इस बार विजय vs विजय के बीच सियासी मुकाबला होने के आसार बन गए हैं. इसका कारण डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के खिलाफ प्रशांत किशोर की खास रणनीति है.

Vinita Vijay from Jansuraj
Vinita Vijay from Jansuraj- फोटो : news4nation

Bihar News: लखीसराय को इस बार विधानसभा चुनाव में बिहार की सबसे हॉट सीट के रूप में माना जा रहा है. उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा बड़ी तैयारी की जा रही है. पीके की रणनीति विजय सिन्हा के खिलाफ जनसुराज को सबसे बड़ी जीत दिलाने की है. इस लक्ष्य को साधने के लिए पीके कई मोर्चों पर काम कर रहे हैं जिसमें सबसे पहले उम्मीदवार के तौर पर अनुभवी और दमदार चेहरे को पेश करना है. पीके के संभावित उम्मीदवार में लखीसराय के बड़हिया की बेटी विनीता विजय का नाम शीर्ष पर है. 


मुजफ्फरपुर जिले के एक बड़े राजनीतिक घराने की पुत्रवधू और अनुभवी नेत्री विनीता विजय की एंट्री अब प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में हो चुकी है। पीके के बड़हिया स्थित जगदम्बा मंदिर में पूजा-अर्चना करने और विनीता विजय की हाल की सक्रियता ने इस बात को और पुख्ता किया है कि उन्हें लखीसराय विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। विनीता विजय, पूर्व रक्षा राज्य मंत्री स्व. ललित विजय सिंह की पुत्री हैं। उनका जन्म बड़हिया में हुआ और यही वजह है कि वह खुद को "बड़हिया की बेटी" कहकर संबोधित करती हैं। 


हाल के दिनों में लखीसराय में बुद्धिजीवियों की बैठक के दौरान प्रशांत किशोर के साथ मंच साझा करते हुए विनीता विजय ने खुले तौर पर कहा था— “मैं बड़हिया की बेटी हूं।” बार-बार उनका लखीसराय दौरा और यह बयान साफ इशारा करता है कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह जन सुराज की लखीसराय उम्मीदवार हो सकती हैं।


चुनावी अनुभव

विनीता विजय को राजनीति और चुनावी मैदान का लंबा अनुभव है। 2005 विधानसभा चुनाव: उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्हें 34,572 वोट मिले, जबकि विजेता उम्मीदवार को 59,410 वोट मिले। विनीता विजय को लगभग 24,800 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। 2009 लोकसभा चुनाव में उन्होंने मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्हें 1,08,306 वोट मिले, जबकि विजेता जेडीयू उम्मीदवार कैप्टन जय नारायण निषाद को 1,95,091 वोट मिले। विनीता विजय को करीब 86,800 वोटों के अंतर से हार झेलनी पड़ी।


राजनीतिक सफर

विनीता विजय ने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी और वह बिहार प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। बाद में उन्होंने भाजपा और एलजेपी का दामन थामा। 2024 लोकसभा चुनाव में उन्होंने चिराग पासवान की मौजूदगी में एलजेपी (रामविलास) की सदस्यता ली थी, लेकिन टिकट से वंचित रह गईं।


अब प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया है कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर एक-एक विधानसभा प्रत्याशी खड़ा किया जाएगा और उन 243 उम्मीदवारों में से 40 महिलाएं होंगी। इस लिहाज से विनीता विजय का लखीसराय से चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है। इसका एक बड़ा कारण उनका बड़हिया का होना है। इससे स्थानीय बनाम बाहरी की लड़ाई में विजय सिन्हा के खिलाफ विनीता विजय माहौल बना सकती हैं। साथ ही दो दशकों का लंबा राजनीतिक अनुभव भी उन्हें सशक्त दावेदार के रूप में पेश कर रहा है। वहीं महिला होने के नाते पीके के महिलाओं पर बड़ा दांव खेलने में वह अहम चेहरा साबित हो सकती है। साथ ही विजय सिन्हा की तरह ही विनीता विजय भी भूमिहार जाति से हैं. 

कमलेश की रिपोर्ट