Kartik Month: सनातन धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है, जो भक्ति, दान और पूजा का महीना माना जाता है। यह मास शरद पूर्णिमा के अगले दिन से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है। इस वर्ष कार्तिक मास 18 अक्टूबर 2024, शुक्रवार से शुरू हो चुका है और 15 नवंबर 2024 को समाप्त होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस माह में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा विशेष फलदायी होती है। इसी अवधि में दीपदान का विशेष आयोजन भी किया जाता है, जो समृद्धि और सौभाग्य की कामना से जुड़ा हुआ है। इसी महीने दीपावली का त्योहार भी आता है.
कार्तिक मास में दीपदान का महत्व
कार्तिक मास के दौरान दीपदान की परंपरा का गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। माना जाता है कि इस मास में सूर्य, जो जीवन और ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है, तुला राशि में प्रवेश करता है, जिससे धरती पर जड़ता और अंधकार का प्रभाव बढ़ता है। इस अंधकार को दूर करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए दीपदान किया जाता है। दीपक का प्रकाश, विशेषकर तुलसी, जल और मंदिर में जलाए जाने वाले दीपक, देवी-देवताओं को प्रसन्न करता है और लक्ष्मी नारायण की कृपा प्राप्त होती है।
लक्ष्मी पूजा और दीपदान
कार्तिक मास में दीपदान का एक और प्रमुख उद्देश्य मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना है। मां लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है, और उनके बिना संसार की कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए, इस मास में लोग दीप जलाकर मां लक्ष्मी और अन्य देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। यह माना जाता है कि दीपक का प्रकाश जहां होता है, वहां देवताओं का वास होता है, और वे अपने भक्तों पर आशीर्वाद बरसाते हैं। इस पावन माह में दीपदान, जप, दान और स्नान जैसी धार्मिक क्रियाओं को विशेष महत्व दिया जाता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है