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क्या सच में सारे कार्य सफल करती है सफला एकादशी? जानें महत्व और कथा

सफला एकादशी का व्रत श्रीहरि विष्णु को समर्पित है, जो समस्त पापों का नाश कर भक्त को सफलता और मुक्ति प्रदान करता है। इस साल सफला एकादशी 26 दिसंबर 2024 को है। आइए जानते हैं इसकी कथा, महत्व और पुण्य फल।

सफला एकादशी

सफला एकादशी व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने और जीवन में सफलता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत के पालन से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग मिलता है। यह व्रत भक्तों को परम शांति और जीवन की बाधाओं से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है।

 

सफला एकादशी की कथा:

चम्पावती नगरी के राजा महिष्मान का सबसे बड़ा पुत्र लुम्पक अपने कुकर्मों के कारण राज्य से निष्कासित कर दिया गया। वन में भटकते हुए, उसने अनजाने में सफला एकादशी का व्रत किया, जिससे भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न हुए और उसके सभी पाप नष्ट हो गए। भगवान की कृपा से लुम्पक को न केवल राज्य वापस मिला, बल्कि उसने अपनी शेष जिंदगी धर्म और भक्ति में बिताई।


सफला एकादशी का महत्व:

सफला एकादशी के व्रत से पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की उपासना से व्यक्ति को राजसूय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है, यह व्रत मुक्ति और जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।


सफला एकादशी से मिलता है पुण्य फल:

इस एकादशी का पालन करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और वह श्रीहरि विष्णु के परम धाम को प्राप्त करता है। बता दें कि सफला एकादशी की कथा सुनना या पढ़ना भी अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। यह व्रत न केवल आध्यात्मिक उन्नति देता है, बल्कि जीवन में सुख और समृद्धि लाने का मार्ग भी प्रशस्त करता है।


Disclaimer: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है। किसी भी व्रत या पूजा को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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