Bihar News: सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट की पोल खुली, 5 हज़ार आबादी छह माह से शुद्ध जल के लिए तरस रही
Motihari: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना "हर घर नल से जल" हकीकत में अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है।

Motihari: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना "हर घर नल से जल" हकीकत में अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। अरेराज प्रखंड के चटिया बड़हरवा पंचायत के आधा दर्जन वार्डों में छह महीने से नलजल योजना ठप पड़ी है, वहीं एक वार्ड में पिछले दो साल से योजना बंद है। नतीजा यह कि करीब 5 हज़ार ग्रामीण आज भी शुद्ध पेयजल की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं।
वार्ड 01, 02, 03, 04 और 10 में छह माह से नलजल बंद है तो वार्ड 12 में टंकी गिरने के बाद दो साल से आपूर्ति ठप है।ग्रामीण वार्ड सदस्य, मुखिया और बीडीओ से लेकर पीएचईडी विभाग तक चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं।मोटर जलने और स्टार्टटर खराब होने जैसी तकनीकी गड़बड़ियां महीनों से ठीक नहीं की गईं।
ग्रामवासी महेश राम, लालपरी देवी, बुधन राम समेत दर्जनों लोगों ने कहा कि “सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट अफसरों और संवेदकों की लापरवाही से दम तोड़ रहा है। कई बार गुहार लगाने के बावजूद सिर्फ आश्वासन ही मिलता है, पानी नहीं।”गंडक दियारा क्षेत्र में रहने वाले लोग मजबूरन कम गहराई का दूषित पानी पीने को विवश हैं, जिससे गर्मी और बरसात में कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं।
करीब दो सप्ताह पहले डीएम सौरभ जोरवाल ने बंद पड़ी नलजल योजनाओं की जांच कर तत्काल सुचारू करने का निर्देश दिया था। लेकिन पीएचईडी विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।मुखिया चांदसी यादवने कहा कि “ग्रामीणों की शिकायत पर प्रखंड स्तर से लेकर वरीय अधिकारियों को कई बार सूचना दी गई, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला।”
प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी मितेश मोहन ने कहा कि “नलजल योजना पीएचईडी विभाग को हैंडओवर कर दी गई है। छह माह से बंद रहना गंभीर मामला है, लेकिन यह मेरे संज्ञान में नहीं था।”
उधर, पीएचईडी जेई से पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन और संदेश का जवाब देना मुनासिब नहीं समझा।
रिपोर्ट- हिमांशु कुमार