Bihar News : बिहार में बंदी के कगार पर पहुंचे लाइसेंसधारी बंदूक कारखाना को अब मिलेगी संजीवनी, बिहार सरकार ने केंद्र को भेजा 'ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कॉरिडोर' बनाने का प्रस्ताव
Bihar News : बिहार में बंदी के कगार पर पहुँच चुकी लाइसेंसधारी बंदूक कारखाना को संजीवनी मिलनेवाली है. बिहार सरकार ने इसके लिए केंद्र को 'ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कॉरिडोर' बनाने का प्रस्ताव भेजा है....पढ़िए आगे

MUNGER : बिहार सरकार के उद्योग विभाग के द्वारा राज्य में 'ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कॉरिडोर' बनाया जा रहा है । जिसमें मुंगेर, कैमूर, बांका, जमुई और अरवल जिलों में ऑर्डिनेंस कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही भागलपुर, मुजफ्फरपुर, शेखपुरा और सारण को भी संभावित स्थल के रूप में चिह्नित किया गया है। ऐसे में मुंगेर जहां हथियार निर्माण का इतिहास 200 वर्षों का रहा है। पॉलिसी और दूरदर्शिता के अभाव में यह कारखाना आज बंदी के कगार पर पहुंच गया है। ऐसे में इस घोषणा ने मुंगेर बंदूक फैक्ट्री में लाइसेंसी बंदूक का निर्माण करने वाले निर्माताओं और कारीगरों में हर्ष है।
द गन मैनुफैक्चरिंग लाइसेंसी एसोसिएशन बंदूक कारखाना मुंगेर सदस्यों ने बताया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कॉरिडोर' के लिए प्राथमिक स्तर पर राज्य सरकार द्वारा पूर्व में ही स्वीकृति मिल चुकी है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कॉरिडोर के निर्माण के लिए उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने रक्षा मंत्री राजनाथ को प्रस्ताव भेजा है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कॉरिडोर' बनने से मुंगेर के बंदूक निर्माता कुशल कारीगरों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे तथा बंदूक निर्माण में जुटी कंपनियों को भी फायदा होगा। उन्होंने बताया कि मेक इन इंडिया के तहत रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशी रक्षा खरीद में वर्ष 2024-25 में 2,09,050 करोड़ के खरीद के अनुबंध की घोषणा की है। जबकि 23622 करोड़ रुपए का रक्षा निर्यात किया है। ऐसे में बिहार सरकार अपने प्रदेश में रक्षा और गृह मंत्रालय के सहयोग से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कॉरिडोर' की स्थापना कर मुंगेर एवं यहां के कुशल कामगारों के कौशल का समुचित उपयोग कर सकेगी।
राज्य सरकार की इस पहल के लिए सभी लाइसेंसधारी बंदूक निर्माताओं एवं कामगारों ने उद्योग मंत्री और मुख्यमंत्री का आभार जताया है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कॉरिडोर के निर्माण से बिहार की आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ ही सड़क, वायु मार्ग विकसित होगा। साथ ही बताया कि बंदूक कारखाना मुंगेर में बंदूक निर्माण का इतिहास 260 वर्ष पुराना है। यहां के कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित 11575 पिस्तौल और बंदूकों का निर्यात वर्ष 1899-1900 में यूरोप के देशों में किया गया था। कुशल कामगारों और हुनर की पहचान कर तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने बंदूक विनिर्माण को संरक्षित किया। आजादी के बाद बिहार सरकार ने भी इसे संरक्षित किया। आज भी बंदूक निर्माण में मुंगेर का बंदूक कारखाना भारत में एक अहम स्थान रखता है।
मुंगेर से इम्तियाज़ की रिपोर्ट