Bihar School News: देख लीजिए नीतीश जी ! बिहार के इस जिले में अधर में लटका बच्चों का भविष्य, सड़क, बिजली, ब्लैकबोर्ड सब कुछ गड़बड़, 10 साल में नहीं बना भवन
Bihar School News: शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ लगातार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रयासरत हैं इसके बावजूद कई गड़बड़ियां सामने आती है। ताजा मामला मुंगेर का है। जहां बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है।

Bihar School News: बिहार में एक ओर सरकार जहां शिक्षा को लेकर नई-नई योजनाएं चला रही है और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावे कर रही है। वहीं दूसरी ओर मुंगेर जिले के संग्रामपुर प्रखंड अंतर्गत बलिया पंचायत के गांधी नगर प्राथमिक विद्यालय की तस्वीरें इन दावों की पोल खोल रही हैं। यह विद्यालय आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। स्कूल न तो पक्की सड़क से जुड़ा है। न कक्षाओं में ब्लैकबोर्ड हैं, न बिजली की व्यवस्था, और न ही कक्षाओं में पक्का फर्श या विद्यालय की बाउंड्री वॉल है।
बारिश में दलदल से गुजरकर पहुंचते हैं बच्चे
खेतों के बीच बने इस विद्यालय तक पहुंचने के लिए शिक्षकों और बच्चों को बरसात के मौसम में कीचड़ भरे पगडंडियों से गुजरना पड़ता है। कई बार बच्चे फिसलकर गिर जाते हैं और उनके कपड़े भी गंदे हो जाते हैं। यह हालत न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था की लचरता, बल्कि मानवीय संवेदनाओं पर भी सवाल खड़े करती है।
2014 से हैं वही हालात
विद्यालय के प्रधानाध्यापक रजनीश रोशन ने बताया कि, मैं 2014 से यहां पदस्थापित हूं। तब से लेकर अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। कई बार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को लिखित सूचना दी है, लेकिन हर बार यही कहा जाता है कि ‘फंड आएगा तो काम होगा’। छात्रों ने बताया कि बरसात में खेतों से होते हुए स्कूल पहुंचना बहुत डरावना होता है। स्कूल में फर्श भी कच्चा है और कोई सुविधा नहीं है। इसी वजह से कई बच्चों ने विद्यालय आना तक बंद कर दिया है।
ग्रामीणों ने उठाए सवाल
ग्रामीणों ने भी गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि, सरकार सिर्फ शिक्षा के नाम पर घोषणाएं कर रही है। जमीनी हकीकत कुछ और है। क्या फंड की कमी लगातार 10 साल तक बनी रह सकती है या यह महज बहाना है जिम्मेदारी से बचने का? ग्रामीणों ने कहा कि इस गंभीर मामले में संग्रामपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और मुंगेर के जिला शिक्षा पदाधिकारी की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। विद्यालय की दशा यह साफ बता रही है कि शिक्षा की प्राथमिकता अब भी सरकार और प्रशासन के एजेंडे में सबसे नीचे है।
मुंगेर से इम्तियाज की रिपोर्ट