MUNGER : जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर स्थापित तारापुर में जालियांवाला बाग के बाद दूसरी सबसे बड़ी घटना, जिसमें देश की आजादी के दीवाने 34 क्रांतिकारी शहीद हुए थे। जब वे तारापुर थाना भवन पर तिरंगा फहराने जा रहे थे। आज तारापुर इतिहास के पन्नों में इन 34 अमर शहीदों की आमद यादें अपने में समेटा हुआ है। जानकारी के अनुसार 15 फरवरी 1932 को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा हुए भीषण नरसंहार के लिए जाना जाता है। आजादी के दीवाने 34 वीरों ने तारापुर थाना भवन पर तिरंगा फहाराने के संकल्प को पूरा करने के लिए सीने पर गोलियां खायी थीं और वीरगति को प्राप्त हुए थे। जिनमें से मात्र 13 शहीदों की ही पहचान हो पाई थी।
पीएम मोदी ने 31 जनवरी 2021 को मन की बात कार्यक्रम में इन आजादी के नायकों की चर्चा की थी। उसी शहीदों की याद में तारापुर थाना के सामने शहीद स्मारक की स्थापना की गई है जहां आदमकद प्रतिमाओं को उन शहीदों की याद में लगाया गया है। अब इन शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए इस शहीद स्मारक परिसर में राज्य सरकार के पहल पर आईटीसी मुंगेर के द्वारा गंगन चूंबी 100 फीट ऊंचा तिरंगा लगाया है।
वहीँ आज 15 फरवरी को शहादत दिवस के मौके पर बिहार सरकार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, मंत्री संतोष सिंह , विधायक और जिलाधिकारी के साथ एसपी सहित हजारों की संख्या में मौजूद गणमान्य लोगों की उपस्थिति में फहराया। अपने संबोधन में जहां उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इन 34 शहीदों को आज सच्ची श्रद्धांजलि मिली है। इसको लेकर जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया कि उन्होंने इन शहीदों के विषय में मन की बात में चर्चा की तो वहीं बिहार के मुख्यमंत्री को भी धन्यवाद दिया कि उनके पहल पर शहीदों की आदमकद प्रतिमा को स्थापित किया गया और 15 फरवरी को राजकीय सम्मान के साथ शहादत दिवस को मनाने का आदेश दिया। इसी कड़ी में आज एक और कीर्तिमान जुड़ गया। आज इस शहीद स्मारक परिसर में बिहार का सबसे ऊंचा 100 फीट गगन चुंबी तिरंगे को फहराया गया।
मुंगेर से इम्तियाज़ की रिपोर्ट