Bihar Politics:भाजपा मंत्री के कोल्ड स्टोर में सम्मेलन, विरोध में जदयू नेता का इस्तीफ़ा, एनडीए में मची खलबली

Bihar Politics:भाजपा मंत्री और जदयू नेता में दरार उभर कर सामने आ गई है। इस खींचतान का सीधा असर 2025 की चुनावी रणनीति पर पड़ सकता है।

Bjp-jdu Cold war
भाजपा मंत्री और जदयू नेता में दरार- फोटो : social Media

Bihar Politics: बिहार की राजनीति में एक बार फिर गरमाहट बढ़ गई है। भाजपा मंत्री डॉ. राज कुमार सिंह राजू उर्फ़ राजू सिंह के कोल्ड स्टोर परिसर में प्रस्तावित एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन ने जदयू नेता सुबोध शंकर कुमार (उर्फ़ राज कुमार) को इतना आहत किया कि उन्होंने पार्टी से ही इस्तीफ़ा दे डाला। राज कुमार, जदयू किसान और सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव थे और साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं।

राज कुमार का तर्क है कि 18 सितंबर को प्रस्तावित कार्यकर्ता सम्मेलन पारू विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले कोल्ड स्टोर परिसर में होना तय किया गया है, जबकि कार्यक्रम साहेबगंज विस से जुड़ा हुआ है। इसे वह “स्थानीय राजनीतिक अस्मिता पर चोट” मानते हैं। यही वजह है कि उन्होंने साफ कहा—इस समझौते को मानना नामुमकिन है।

दरअसल, पिछले दो साल से राज कुमार, मंत्री राजू सिंह के खिलाफ चुनावी तैयारी में जुटे बताए जाते हैं। चर्चा है कि वह विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संपर्क में हैं। बता दें पिछली बार साहेबगंज सीट से वीआईपी के टिकट पर राजू सिंह ने जीत दर्ज की थी, बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। राजनीतिक समीकरण यही कहते हैं कि इस बार भी महागठबंधन में यह सीट वीआईपी के खाते में जा सकती है। ऐसे में राज कुमार का इस्तीफ़ा सीधा-सीधा एनडीए के भीतर खेमेबाजी को हवा देने वाला है।

इस्तीफ़े के बाद राज कुमार ने सोशल मीडिया पर एक तीखा संदेश भी पोस्ट किया:“कदम-कदम पर लड़े थे तुमसे, कदम-कदम पर लड़ेंगे तुमसे। दम है कितना दमन में तेरे, देख लिया है, देखेंगे।”यह बयान साफ़ संकेत देता है कि वह आने वाले चुनाव में सीधी चुनौती देने की तैयारी में हैं।

इधर, गायघाट विधानसभा सीट भी जदयू के लिए गले की हड्डी साबित हो रही है। यहां जदयू नेता प्रभात किरण और लोजपा-आर की पूर्व प्रत्याशी कोमल सिंह दोनों अपनी-अपनी दावेदारी पर अड़े हुए हैं। हालात इतने बिगड़े कि गुरुवार को होने वाला एनडीए का सम्मेलन अचानक स्थगित कर दिया गया। यह सम्मेलन जदयू की ओर से आयोजित होना था, लेकिन सीट को लेकर खींचतान ने पूरे एनडीए खेमे में तनाव पैदा कर दिया।

राजनीतिक पंडित मानते हैं कि साहेबगंज और गायघाट में जो दरार उभर रही है, वह एनडीए की एकजुटता पर सवाल खड़े करती है। भाजपा और जदयू के बीच इस खींचतान का सीधा असर 2025 की चुनावी रणनीति पर पड़ सकता है।