Bihar News: वाह रे बिहार पुलिस ! लूट की शिकायत लेकर थाने पहुंचे लेखपाल की पुलिस ने जमकर की पिटाई, थाने में किया बंद, अब थानेदार का वीडियो वायरल
Bihar News: बिहार पुलिस का एक बार फिर अमानवीय चेहरा को सामने आया है। जहां लूट की शिकायत करने थाने पहुंचे कॉलेज लेकपाल की पुलिस ने जमकर पिटाई की फिर थाने में बंद कर दिया। वहीं अब...

Bihar News: बिहार के सुशासन बाबू नीतीश कुमार की पुलिस का गजब कारनामा मुजफ्फरपुर में देखने को मिला है। जहां अपने साथ हुई लूट का फरियाद लेकर पहुंचे कॉलेज के लेखापाल को ही पुलिस ने थाने में बंद कर पहले जमकर पीटा और अब अपनी गलती मानते हुए पुलिस पीड़ित लेखापाल से सरेआम कान पकड़ कर माफी मांगते दिख रहा है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
शिकायत करने पहुंचे लेखपाल को पुलिस ने पीटा
दरअसल, रामपुर हरि थाना क्षेत्र में एक कॉलेज के लेखापाल विशाल कुमार अपने साथ हुई लूट की शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय फरियादी को ही थाने में बंद कर बेरहमी से पीट दिया। मामला जब तूल पकड़ा और मीडिया में पहुंचा, तो थाना प्रभारी सुजीत मिश्रा को अस्पताल पहुंचकर सरेआम कान पकड़कर माफी मांगनी पड़ी। इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
क्या है मामला?
विशुनदेव नारायण सिंह इंटर महाविद्यालय, नरमा (मुजफ्फरपुर) में लेखापाल के पद पर कार्यरत विशाल कुमार 8 जुलाई को कॉलेज से ₹2,11,200 लेकर बैंक में जमा कराने जा रहे थे। तभी अज्ञात अपराधियों ने उनसे यह रकम लूट ली। घटना के बाद विशाल कुमार रामपुर हरि थाना पहुंचे और पुलिस को लूट की पूरी जानकारी दी। लेकिन थाना प्रभारी सुजीत मिश्रा ने कार्रवाई करने के बजाय उन्हीं पर पैसे लुटवाने का आरोप कबूल करने का दबाव डालना शुरू कर दिया। विशाल के इंकार करने पर पुलिस ने उन्हें थाने में बंद कर जमकर पीटा, गालियां दीं और मोबाइल भी छीन लिया। रात करीब 10:30 बजे उन्हें थाने से मारपीट कर भगा दिया गया।
मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला
अगले दिन विशाल कुमार की गंभीर हालत देख परिजनों ने उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं जब मामला मीडिया में आया तो थाना प्रभारी खुद अस्पताल पहुंचे और विशाल कुमार से कान पकड़कर माफी मांगते दिखाई दिए। पीड़ित ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के. झा की मदद से राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग में दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई हैं। अधिवक्ता एस.के. झा ने इसे मानवाधिकार उल्लंघन की अतिगंभीर श्रेणी का मामला बताते हुए कहा कि, मुजफ्फरपुर पुलिस रक्षक की जगह भक्षक की भूमिका में ज्यादा दिख रही है।
एसएसपी ने दिए जांच के आदेश
ऐसी घटनाएं मानवाधिकारों के लिए गंभीर खतरा हैं। आयोग को इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करनी चाहिए। घटना के तूल पकड़ने के बाद मुजफ्फरपुर के एसएसपी सुशील कुमार ने मामले की जांच का आदेश दे दिया है। उधर, रामपुर हरि थाना में रोजमर्रा के मामलों को लेकर पहले भी कई बार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ चुके हैं।
मुजफ्फरपुर से मणिभूषण की रिपोर्ट