Board Intermediate Examination 2025: मुजफ्फरपुर में बैंड बाजा वाले की बेटी संजना कुमारी ने किया कमाल, इंटरमीडिएट 2025 परीक्षा में बनाई टॉप 5

मुजफ्फरपुर की संजना कुमारी ने बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 में 93.6% अंक प्राप्त कर टॉप 5 में जगह बनाई। बैंड बाजा चलाने वाले की बेटी संजना की इस उपलब्धि ने पूरे गांव का मान बढ़ाया।

 Board Intermediate Examination 2025: मुजफ्फरपुर में बैंड बा
Bihar Board Intermediate Examination 2025- फोटो : freepik

Bihar Board Intermediate Examination 2025: मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर प्रखंड की संजना कुमारी ने बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 में कला संकाय में 468 अंक (93.6%) प्राप्त कर राज्य के टॉप 5 में अपनी जगह बनाई है। संजना की इस सफलता ने पूरे गांव और परिवार में खुशी का माहौल पैदा कर दिया है।

बैंड बाजा चलाने वाले की बेटी बनी टॉपर

संजना कुमारी के पिता संजय कुमार राम पेशे से बैंड बाजा और ट्रॉली चलाने का काम करते हैं। गरीबी और आर्थिक तंगी के बावजूद, संजय कुमार ने अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया और कर्ज लेकर उन्हें पढ़ाया। संजना ने अपनी मेहनत और लगन से बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 में अपनी जगह बनाई, जिससे पूरे गांव और परिवार में जश्न का माहौल है।

संजना की सफलता का श्रेय

संजना कुमारी ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों और परिजनों को दिया है। उन्होंने कहा, "मेरी सफलता मेरे परिश्रम और गुरु के मार्गदर्शन का परिणाम है। माता-पिता ने हमेशा मुझे पढ़ाई के लिए प्रेरित किया, और आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने मुझे हर संभव सहयोग दिया।" संजना का सपना आगे भी मेहनत करके अपने माता-पिता का नाम रोशन करना है।

बेटियां भी किसी से कम नहीं

संजना के पिता संजय कुमार ने गर्व से कहा, "हम बेहद गरीब हैं, लेकिन हमने कर्ज लेकर अपने बच्चों को पढ़ाया। मेरी बेटी ने यह साबित कर दिया है कि बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं।" संजना का एक भाई पहले ही बीपीएससी की परीक्षा पास कर शिक्षक बन चुका है, जबकि दूसरा भाई बीपीएससी की तैयारी कर रहा है। संजना की इस सफलता ने परिवार को और भी गर्व से भर दिया है।

संजना कुमारी की सफलता 

संजना कुमारी की यह सफलता उनके दृढ़ संकल्प, मेहनत और परिवार के सहयोग का नतीजा है। उनकी यह प्रेरणादायक यात्रा उन सभी बच्चों के लिए एक मिसाल है जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने का प्रयास कर रहे हैं। संजना ने यह साबित कर दिया है कि सपनों को साकार करने के लिए संसाधनों से ज्यादा मेहनत और संकल्प की जरूरत होती है।

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