Bihar Education News: विषय नहीं, फिर भी नामांकन, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में मेरिट नहीं, सिर्फ गड़बड़ी की लिस्ट
Bihar Education News:जिन कॉलेजों में कोई विषय हाजिर ही नहीं, वहां भी नामांकन के लिए छात्र-छात्राओं के नाम भेज दिए गए। लगता है, विश्वविद्यालय ने "हवा में नामांकन" का नया कोर्स शुरू कर दिया है!

Bihar Education News: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की पहली मेरिट लिस्ट ने जैसे शिक्षाव्यवस्था पर कोई व्यंग्य-कविता लिख दी हो। जिन कॉलेजों में कोई विषय हाजिर ही नहीं, वहां भी नामांकन के लिए छात्र-छात्राओं के नाम भेज दिए गए। लगता है, विश्वविद्यालय ने "हवा में नामांकन" का नया कोर्स शुरू कर दिया है!आरपीएस कॉलेज महनार में उर्दू पढ़ाई ही नहीं जाती, मगर मेरिट लिस्ट में उर्दू के छात्र भेज दिए गए — अब कॉलेज प्रशासन सिर पीटे या दुआ पढ़े? उधर श्यामनंदन सहाय कॉलेज में सीटें कम दी गईं, तो प्राचार्यजी की पेशानी पर बल पड़ गया: "हमारे पास बच्चे तो हैं, मगर कुर्सियाँ नहीं!"
100 में से 257 नंबर देने का ताज़ा कारनामा अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब "नामांकन बिन विषय" का नया तमाशा शुरू हो गया। विश्वविद्यालय की लिस्ट ऐसी निकली जैसे लॉटरी का टिकट — किस कॉलेज में कौन भेजा जाएगा, खुद भगवान भी न बता सके।
कुछ कॉलेजों में पहले दिन एक भी छात्र नहीं पहुँचा, मानो विश्वविद्यालय ने लिस्ट नहीं, 'स्कीम ऑफ ग़लती' जारी कर दी हो। कॉलेजों में न नामांकन, न माहौल, बस अफ़वाहों का बोलबाला।
डीएसडब्ल्यू महोदय कहते हैं, “शिकायतें मिली हैं, सुधार होगा।” मगर ये "गलतियाँ" हो कैसे रहीं हैं — इस पर सभी खामोश! कुलपति महोदय तो जैसे मौन व्रत पर हैं, और पोर्टल की रिपोर्टिंग? किसी कॉलेज ने अपलोड करना जरूरी नहीं समझा।
अब 12 जुलाई तक नामांकन होना है, कक्षाएं 15 जुलाई से शुरू होंगी मगर शुरुआत किस बुनियाद पर होगी, ये खुद विश्वविद्यालय नहीं जानता।जहाँ शिक्षा की मेरिट लिस्ट गड़बड़ी की मेरिट में बदल जाए, वहाँ छात्र नहीं, सिस्टम पढ़ाई कर रहा होता है और विषय चाहे हो या न हो, विश्वविद्यालय का उत्तर एक ही होता है "हमें क्या पता!"
रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा