सांसद आदर्श गांव की हकीकत, करोड़ों की लागत से बना पुल एप्रोच पथ के अभाव में बेकार, सांसद आदर्श गांव की नहीं बदली सूरत

Bihar News: 3 करोड़ 63 लाख की लागत से बना पुल पिछले पांच साल से एप्रोच पथ के बिना बेकार पड़ा है। यह पुल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस महत्वाकांक्षी योजना के तहत बनाया गया था

Reality of MP Model Village
सांसद आदर्श गांव की हकीकत- फोटो : reporter

Muzaffarpur: जिले के कटरा प्रखंड स्थित सांसद आदर्श गांव जजूआर पश्चिमी में 3 करोड़ 63 लाख की लागत से बना पुल पिछले पांच साल से एप्रोच पथ के बिना बेकार पड़ा है। यह पुल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस महत्वाकांक्षी योजना के तहत बनाया गया था, जिसमें हर सांसद को एक गांव गोद लेकर उसे आदर्श गांव के रूप में विकसित करना था।

साल 2020 में मांगुरा नदी पर पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। योजना के अनुसार 88 लाख रुपये खर्च कर एप्रोच पथ बनाया जाना था, ताकि गांववाले सीधे पुल का इस्तेमाल कर सकें। लेकिन पांच साल बीत जाने के बावजूद एप्रोच पथ का निर्माण आज तक नहीं हो पाया।

ग्रामीणों का कहना है कि पुल बन जाने से उन्हें कई किलोमीटर लंबा चक्कर लगाने से छुटकारा मिल जाता। लेकिन एप्रोच पथ न होने के कारण आज भी वे उसी तरह परेशान हैं जैसे पहले थे। ग्रामीणों का आरोप है कि सांसद और विधायक दोनों भाजपा से होने के बावजूद इस मुद्दे पर किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना था कि सांसद अपने-अपने संसदीय क्षेत्र से एक गांव गोद लेकर उसे मॉडल गांव में बदलें। लेकिन मुजफ्फरपुर के तत्कालीन सांसद अजय निषाद द्वारा गोद लिए गए इस गांव की तस्वीर अब भी नहीं बदली। ग्रामीणों के मुताबिक, विकास के नाम पर सिर्फ पुल खड़ा कर दिया गया है, जो अब शोभा की वस्तु बनकर रह गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि सांसद और विधायक दोनों भाजपा से हैं, बावजूद इसके पुल का एप्रोच पथ अब तक नहीं बन पाया। लोगों का आरोप है कि जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा ने आदर्श गांव की तस्वीर को और बदतर कर दिया है।

रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा