Bihar Politics: चुनाव से पहले सीएम नीतीश के गढ़ में बीजेपी को करारा झटका, पूर्व प्रत्याशी कौशलेंद्र ने छोड़ा भाजपा का साथ, कांग्रेस का थामा दामन
Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव की दस्तक के साथ ही सियासी दलों में जोड़-तोड़ की बिसात बिछ चुकी है।

Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव की दस्तक के साथ ही सियासी दलों में जोड़-तोड़ की बिसात बिछ चुकी है। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नालंदा में एक बड़ा झटका लगा है। पूर्व प्रत्याशी और चर्चित नेता कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया ने भाजपा को अलविदा कहकर गुरुवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया।
नालंदा जिले के बिहारशरीफ स्थित राजेन्द्र आश्रम में आयोजित मिलन समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में छोटे मुखिया की कांग्रेस में विधिवत एंट्री हुई। इस मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं बिहार सह प्रभारी देवेंद्र यादव, मध्यप्रदेश के विधायक के तौर पर उपस्थित रहे और उन्होंने इसे "व्यक्ति नहीं, जनमानस के सोच में बदलाव" करार दिया।
देवेंद्र यादव ने सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नालंदा भले ही नीतीश कुमार का गृह जिला हो, लेकिन अब यहां की हवा बदल रही है। लोग अब उनके विकास मॉडल से ऊब चुके हैं।यादव ने यह भी ऐलान किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन की ओर से नालंदा की सभी सातों सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों को उतारा जाएगा और भाजपा-जदयू गठबंधन को हर हाल में पराजित किया जाएगा।
मौके पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य एवं पूर्व जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि छोटे मुखिया जैसे जमीनी नेताओं के आने से कांग्रेस की ताक़त बढ़ेगी। संगठन को नया रक्त मिलेगा।
कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया भाजपा के पुराने और जमीनी कार्यकर्ता रहे हैं।नालंदा में उनका अच्छा-ख़ासा जनाधार है, खासकर पिछड़े और ग्रामीण वर्ग में।उनके कांग्रेस में जाने से भाजपा की पकड़ नालंदा की शहरी और अर्ध-ग्रामीण सीटों पर कमजोर हो सकती है।वहीं कांग्रेस खेमे में इस घटनाक्रम को "बदलाव की शुरुआत" के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि छोटे मुखिया के साथ उनके समर्थक वर्ग का भी कांग्रेस में झुकाव बढ़ेगा।राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में, यह सिर्फ एक नेता की पार्टी बदलने की घटना नहीं, बल्कि विधानसभा चुनाव से पहले बदलती राजनीतिक फिजा का संकेत है जहां "छोटे मुखिया" बड़े संदेश दे रहे हैं।
रिपोर्ट- राज पाण्डेय