Bihar News: राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर बिहारशरीफ कोर्ट में परिवाद पत्र दाखिल, 9 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

Bihar News:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित विवादित बयान को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ परिवाद पत्र दाखिल किया गया है।

Bihar News: राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर बिहारशरीफ कोर्ट म
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर परिवाद पत्र दाखिल- फोटो : social Media

Bihar News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित विवादित बयान को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ परिवाद पत्र दाखिल किया गया है। यह मामला नालंदा व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कुलदीप की अदालत में दर्ज हुआ है। बुधवार को दाखिल इस परिवाद पत्र में दोनों नेताओं के साथ करीब सौ समर्थकों को आरोपित बनाया गया है।

यह परिवाद पत्र अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता राज किशोर प्रसाद ने दाखिल किया है। मामले की सुनवाई 9 सितंबर को होगी। परिवादी की ओर से अधिवक्ता अरुण कुमार और रामाशीष प्रसाद ने बताया कि 28 अगस्त 2025 को दरभंगा में आयोजित मतदाता अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।

परिवाद में कहा गया है कि इन बयानों से प्रधानमंत्री की गरिमा और छवि को ठेस पहुंची है। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया है कि दोनों नेताओं ने जानबूझकर राजनीतिक लाभ के लिए प्रधानमंत्री की मानहानि की साजिश रची। परिवादी के मुताबिक, इस बयान के प्रसारण को उन्होंने सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और समाचार पत्रों के माध्यम से देखा और पढ़ा, जिससे उन्हें मानसिक सदमा पहुंचा।

अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि यह बयान केवल प्रधानमंत्री की छवि धूमिल करने का प्रयास नहीं था, बल्कि जनता को भ्रमित करने और गुमराह करने की सोची-समझी चाल थी। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के इस व्यवहार से समाज में गलत संदेश गया है।

परिवाद पत्र में दोनों नेताओं पर आपराधिक षड्यंत्र, मानहानि और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। इसके साथ ही कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इन नेताओं के विरुद्ध संज्ञान लेते हुए सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

 परिवाद पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां का जिक्र नहीं किया गया है। हालांकि, परिवादी का दावा है कि इस तरह के बयान लोकतांत्रिक मर्यादा और राजनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ हैं और इसका जवाब कानूनी रूप से दिया जाना जरूरी है।

रिपोर्ट- राज पाण्डेय