Bihar News: जहर की चुप्पी और सूदखोरों का ज़ुल्म, पावापुरी में सामूहिक आत्महत्या कांड, काली मंदिर बाबा समेत चार नामजद

Bihar News: एक पूरा परिवार ज़हर खाकर इस दुनिया से विदा हो गया और पीछे छोड़ गया सवालों का सैलाब, सूदखोरों के ज़ुल्म की स्याह परछाइयाँ और एक समाज की निष्ठुर चुप्पी।

 mass suicide in Pawapuri
जहर की चुप्पी और सूदखोरों का ज़ुल्म- फोटो : reporter

Bihar News: बिहार की ज़मीन ने 18 जुलाई को एक ऐसा खौफनाक मंजर देखा, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। पावापुरी के रायफल मोड़ के पास स्थित काली मंदिर के समीप एक पूरा परिवार ज़हर खाकर इस दुनिया से विदा हो गया  और पीछे छोड़ गया सवालों का सैलाब, सूदखोरों के ज़ुल्म की स्याह परछाइयाँ और एक समाज की निष्ठुर चुप्पी।

मरने वालों में  धर्मेंद्र कुमार (परिवार का मुखिया), उनकी पत्नी सोनी देवी, 14 वर्षीय बेटी दीपा, 16 वर्षीय बेटी अरिका, 15 वर्षीय बेटा शिवम कुमार थे ।

राजगीर के डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने खुलासा किया कि यह कोई क्षणिक आवेग नहीं था, बल्कि लम्बे समय से चल रही आर्थिक तंगी, सामाजिक तिरस्कार और सूदखोरों की प्रताड़ना ने परिवार को अंदर से इतना तोड़ दिया कि उन्होंने जहर खाकर सामूहिक आत्महत्या का रास्ता चुन लिया।

काली मंदिर बाबा  धर्म की आड़ में सूद का काला कारोबार.अजय कुमार  स्थानीय उधारी दलाल,धर्मेन्द्र मोदी  प्रताड़ना का मुख्य सूत्रधार,घनश्याम प्रसाद (निवासी – शेखपुरा)  जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है

बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी अभियान तेज़ कर दिया गया है।राजगीर डीएसपी सुनील कुमार सिंह. डीएसपी राम दुलार प्रसाद, सर्किल इंस्पेक्टर मनीष भारद्वाज, डीआईयू प्रभारी आलोक कुमार,थानाध्यक्ष दीपक कुमार (गिरियक),दारोगा भावना कुमारी छापेमारी टीम में शामिल थे।

यह आत्महत्या नहीं, सिस्टम की सामूहिक नाकामी का नतीजा है। काली मंदिर जैसे धार्मिक स्थल को भी सूदखोरी और मानसिक शोषण का अड्डा बना दिया गया। एक पूरा परिवार तबाह हो गया, लेकिन उन दरिंदों की आंखों में न पश्चाताप है, न डर।

सवाल उठते हैं  कि  क्या धर्म के नाम पर पनप रहे सूदखोरों के गढ़ों पर कभी प्रशासन का बुलडोज़र चलेगा? क्या इन बच्चों की मौत समाज के लिए चेतावनी बनेगी या फिर अखबार की एक खबर बनकर रह जाएगी?अब देखना यह है कि क्या ये चारों आरोपी क़ानून के शिकंजे में आएंगे या सूदखोरी की यह सड़ी हुई जड़ें फिर किसी और धर्मेंद्र को निगल जाएंगी?

रिपोर्ट- राज पाण्डेय