Love in the Temple:मंदिर-मोहब्बत-मंडप, इश्क ने तोड़ी जाति की दीवारें,न जात देखी, न जमाना मंदिर में सात फेरे और पंचायत की नींद हराम

Love in the Temple: गांववालों के मुताबिक़, लड़का और लड़की दोनों सबजातीय हैं, यानी समाज के हिसाब से "कुछ अलग-थलग", लेकिन इश्क़ के दरबार में सब बराबर।

Temple love pavilion
मंदिर-मोहब्बत-मंडप- फोटो : reporter

Love in the Temple:कहते हैं मोहब्बत सरहद नहीं देखती, जात-पात, बिरादरी और समाज की बेड़ियों से आज़ाद होती है। लेकिन जनाब, जब ये मोहब्बत बीच बाजार और बाबा बख्तौत मंदिर के आँगन में ‘फुल पब्लिक’ के सामने सिंदूर का तमाशा बन जाए, तो गांव की खोपड़ी भी गरम हो जाती है!

हरनौत प्रखंड से एक ताज़ा प्रेम प्रसंग ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। शुक्रवार की शाम, जब आम लोग शाम के चाय-नमकीन में मशगूल थे, तभी एक प्रेमी जोड़ा सबनाहुआ डीह स्थित बाबा बख्तौत मंदिर में पैदल चालते हुए पहुँचा और फैसला कर डाला — सीधा मांग में सिंदूर और मंदिर में ब्याह।

गांववालों के मुताबिक़, लड़का और लड़की दोनों सबजातीय हैं, यानी समाज के हिसाब से "कुछ अलग-थलग", लेकिन इश्क़ के दरबार में सब बराबर। ना बैंड, ना बाजा, ना बारात — सीधा मंदिर, सिंदूर और सोशल मीडिया। वीडियो बना, वायरल हुआ, और इश्क़ की गाथा हो गई वायरल। 

थाना अध्यक्ष का भी बड़ा ‘डेमोक्रेटिक’ बयान आया और कहा कि शिकायत नहीं मिली है, शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई करेंगे। यानि ‘सब माया है बाबू’ और अगर कोई बुज़ुर्ग खांस भी दे तो केस तैयार!

गौर करने वाली बात ये भी है कि प्रेमी-प्रेमिका नालंदा जिले के अलग-अलग गांव से हैं। अब मोहब्बत ने मापदंडों की सीमाएं लांघी, तो गांव की पंचायत की पेशानी भी सलवटों से भर गई है।

इस ‘सिंदूरगाथा’ ने एक बार फिर उस बहस को हवा दे दी है, जहां प्रेम और परंपरा आमने-सामने खड़े हो जाते हैं।फिलहाल, बाबा बख्तौत मंदिर इश्क़ियों का नया हॉटस्पॉट बन चुका है। देखना यह होगा कि अगला जोड़ा कौन होगा और समाज कब तक ऐसे ‘इश्क़ी बगावतों’ को देखता रहेगा —या फिर किसी दिन पंचायत कहेगी “मोहब्बत वालों के लिए अलग कोर्ट खोल दो मियां, यहां तो रोज़ नया ड्रामा चलता है!

रिपोर्ट- राज पाण्डेय