Bihar news: वेतनमान और स्थायी नियुक्ति की मांग पर ग्राम कचहरी सचिवों का हल्ला बोल, विधानसभा घेराव की चेतावनी
Bihar news: न्याय की चौखट पर बैठकर गाँव-गाँव में फैसले सुनाने वाले ग्राम कचहरी सचिव अब खुद न्याय के लिए सड़क पर उतर आए हैं।

Bihar news: न्याय की चौखट पर बैठकर गाँव-गाँव में फैसले सुनाने वाले ग्राम कचहरी सचिव अब खुद न्याय के लिए सड़क पर उतर आए हैं। वेतनमान, स्थायीकरण और नियमितीकरण की मांग को लेकर बुधवार को नालंदा जिले के सभी प्रखंडों से जुटे सचिवों ने अस्पताल चौक पर एकदिवसीय धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। सचिवों ने साफ कहा कि अगर उनकी मांगों को दरकिनार किया गया, तो वे विधानसभा का घेराव करेंगे।
धरना का नेतृत्व करते हुए संघ के सचिव अनूप कुमार ने कहा कि वर्ष 2007 में ग्राम कचहरी सचिवों की बहाली मात्र 2000 रुपये मानदेय पर की गई थी। वर्ष 2015 में इसे बढ़ाकर 6000 रुपये किया गया और हाल ही में वर्ष 2025 में सिर्फ 3000 रुपये और बढ़ाकर 9000 रुपये कर दिया गया। उन्होंने सवाल दागा कि आज के दौर में 9000 रुपये में परिवार कैसे जिएगा? क्या सरकार चाहती है कि सचिव भूखों मरें?
सचिवों ने कहा कि पंचायत स्तर से लेकर प्रखंड कार्यालय तक, चुनावी ड्यूटी, बाढ़ राहत और अन्य सरकारी कार्यों में उनसे बराबर सेवा ली जाती है। बावजूद इसके उन्हें न तो नियमित कर्मचारी का दर्जा मिलता है और न ही उचित मानदेय। इसे उन्होंने सरकार की घोर उपेक्षा करार दिया।
धरना में शामिल सचिवों ने अपनी मुख्य माँगें रखीं:न्यूनतम 30 हजार रुपये मानदेय तय किया जाए।सेवा को स्थायी और नियमित किया जाए।बकाया मानदेय और अतिरिक्त प्रभार का शीघ्र भुगतान किया जाए।जिन सचिवों को पंचायत से हटाया गया है, उनका समायोजन किया जाए।
सचिवों ने तंज़ कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार “न्याय के साथ विकास” की बात करते हैं, मगर सच यही है कि न्याय दिलाने वाले सचिव खुद न्याय से वंचित हैं। नालंदा जिले में इस समय कुल 239 सचिव कार्यरत हैं, जिनकी माली हालत इतनी खराब है कि बच्चों की पढ़ाई और परिवार की सेहत तक प्रभावित हो रही है।
सभा को संबोधित करते हुए संघ के अन्य पदाधिकारियों ने सरकार को दो टूक चेतावनी दी कि अगर हमारी आवाज़ अनसुनी रही तो आंदोलन को और तेज़ करेंगे, विधानसभा का घेराव करेंगे और तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक न्याय नहीं मिलता।
धरना में बड़ी संख्या में सचिव मौजूद रहे, जिनमें मुकेश कुमार सिन्हा, कमलेश कुमार, सुनीता कुमारी, सुधा कुमारी, संगीता कुमारी, खुशबू कुमारी, रश्मि कुमारी, ममता रानी, रतन कुमार, मनोज कुमार उपाध्याय, अनूप कुमार सिंह, मुकेश कुमार रेनुवाला, दिलीप कुमार, सुनील कुमार, पूजा शास्त्री, अनिल कुमार वर्मा, मनीषा, आशाफी कुमारी, सीता, अनमोल कुमार समेत अनेक नाम शामिल हैं।
रिपोर्ट- राज पाण्डेय