Dreamliner in patna airport - पटना में भी लैंड होगी बोइंग की ड्रीमलाइनर फ्लाइट, जेपी एयरपोर्ट पर शुरू हो गई तैयारी
Dreamliner in patna airport - राजधानी पटना में बोइंग के ड्रीमलाइनर को भी लैंड कराने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए एयरपोर्ट के विस्तार की तैयारी की जा रही है।

Patna - बीते सप्ताह अहमदाबाद में हुए प्लेनक्रैश ने बोइंग के सबसे सेफ्टी विमान में शामिल ड्रीम लाइनर को भी खूब चर्चा दिलाई थी। अब यह ड्रीमलाइनर विमान पटना के एयरपोर्ट पर आनेवाले कुछ महीने में लैंड होगा। पटना एयरपोर्ट ऑर्थोरिटी ने इसको लेकर प्लानिंग पर काम शुरू कर दिया है।
दरअसल, अहमदाबाद में जिस तरह से हादसा हुआ, उसके बाद एयरपोर्ट के विस्तार की जरुरत बढ़ गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए पटना एयरपोर्ट के विस्तार के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जमीन सर्वे का कार्य जोरों पर चल रहा है। संभव है कि पैरलल टैक्सी ट्रैक (पीटीटी) का निर्माण पूरा होने के तुरंत बाद विस्तारीकरण भी शुरू हो जाएगा। पटना में जैसे ही रनवे के विस्तार का काम पूरा हो जाएगा। पटना एयरपोर्ट पर भी ड्रीमलाइनर जैसे एयरक्राफ्ट लैंड हो सकेंगे।
अभी क्या स्थिति है
वर्तमान में रनवे की लंबाई 6,792 फीट है। इस पर बोइंग 737 और एयरबस 323 से बड़े एयरक्राफ्ट की सुरक्षित लैंडिंग संभव नहीं हो पाती है। जिसके कारण यही कारण है कि पटना से गुजर रहे बड़े एयरक्राफ्ट को इमरजेंसी लैंडिंग के लिए दूसरी नजदीकी एयरपोर्ट यथा वाराणसी और गयाजी भेजा जाता है। इधर, हादसे के बाद एयरपोर्ट के आसपास से बड़े पेड़ों की छंटाई का काम भी युद्धस्तर पर चल रहा है।
मेजर मेटेनेंस की भी सुविधा नहीं
एक और बड़ी वजह पटना में विमानों की मेंटेनेंस की सुविधा का नहीं होना भी है। अभी पटना एयरपोर्ट पर फ्लाइट की ग्राउंडिंग टाइम (लैंडिंग के उपरांत दोबारा टेकआफ लेने का समय) लगभग 45 मिनट है। यहां बेस यानी रात्रि में विमान की परिचालन की सुविधा नहीं है। इस कारण पटना एयरपोर्ट पर मेजर मेंटेनेंस से संबंधित कार्य नहीं होता है। ग्राउंडिंग टाइम में लगभग 40 मिनट तक विमान की जांच की जाती है।
इस दौरान फ्यूल, लैंडिंग गियर, केबल, फ्लैप (डैना), वाइपर आदि जांचा जाता है। यदि जांच के दौरान कोई बड़ी गड़बड़ी मिली तो बेस एयरपोर्ट से अभियंता बुलाए जाते हैं। सभी विमानन कंपनियों के अभियंताओं की अपनी टीम है। तकनीशियन एवं मैकेनिकल व इलेक्ट्रिकल अभियंता मिलाकर औसत 35 लोगों की टीम एक शिफ्ट में तैनात रहती है।