Bihar School News: पटना में 12वीं की परीक्षा बनी बवाल का अखाड़ा, ड्रेस नहीं पहनने पर रोका गया एंट्री, छात्रों ने किया जमकर हंगामा

Bihar School News: 12वीं की त्रैमासिक परीक्षा देने पहुंचे छात्रों को केवल स्कूल ड्रेस न पहनने के कारण परीक्षा केंद्र में घुसने से रोक दिया गया।...

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पटना में 12वीं की परीक्षा बनी बवाल का अखाड़ा- फोटो : social Media

Bihar School News: पटना में शिक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठ खड़ा हुआ है। फुलवारीशरीफ के आदर्श उच्च विद्यालय, पलंगा में मंगलवार को उस वक्त हंगामा और अफरातफरी का माहौल बन गया, जब 12वीं की त्रैमासिक परीक्षा देने पहुंचे छात्रों को केवल स्कूल ड्रेस न पहनने के कारण परीक्षा केंद्र में घुसने से रोक दिया गया।

जिन छात्रों को परीक्षा देने से वंचित कर दिया गया, उन्होंने केंद्र के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। देखते ही देखते दर्जनों छात्र उग्र हो गए और स्कूल गेट के बाहर नारेबाज़ी और तोड़फोड़ जैसा माहौल बन गया। छात्रों का गुस्सा इस कदर फूटा कि विद्यालय प्रशासन को बचाव में पुलिस बुलानी पड़ी।

छात्रों का आरोप है कि विद्यालय प्रशासन ने यूनिफॉर्म को परीक्षा से अधिक प्राथमिकता दी, जबकि केंद्र पर बैठने और मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। एक छात्र ने कहा कि हम टाइम से परीक्षा देने आए थे, लेकिन सिर्फ इसलिए बाहर कर दिया गया कि हमने यूनिफॉर्म नहीं पहनी है। क्या ड्रेस परीक्षा से ज़्यादा जरूरी हो गई है?

विद्यालय प्रबंधन का रुख इस पूरे मामले में बेहद कठोर दिखा। स्कूल प्राचार्य ने साफ कहा कि नियम के अनुसार बिना ड्रेस कोई छात्र परीक्षा नहीं दे सकता। सभी को पहले से निर्देश दिया गया था।

इस घटना के बाद विद्यालय में माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया, हालांकि कुछ छात्रों को बलपूर्वक परिसर से हटाया गया।

इस मामले ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली और विद्यालयों के जमीनी रवैये पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर राज्य सरकार परीक्षा में अनुशासन और गुणवत्ता की बात करती है, वहीं दूसरी ओर छात्रों को महज़ ड्रेस कोड की वजह से शिक्षा के अधिकार से वंचित करना तानाशाही नहीं तो और क्या है?बहरहाल अब सवाल यह है कि क्या शिक्षा के मंदिर में ड्रेस प्राथमिक है या छात्र का भविष्य? प्रशासन को तय करना होगा कि अनुशासन के नाम पर अन्याय कब तक होगा!