बिहार के इन दो एयरपोर्ट निर्माण के जमीन अधिग्रहण के लिए नीतीश सरकार ने 620.48 लाख किए मंजूर

Patna - बिहार की नीतीश कैबिनेट ने राज्य के हवाई संपर्क (एयर कनेक्टिविटी) को बेहतर बनाने की दिशा में दो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में सहरसा और भागलपुर में हवाई अड्डों के निर्माण और विस्तार के लिए बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण हेतु मुआवजा राशि की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। यह फैसला दर्शाता है कि राज्य सरकार हवाई यात्रा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है, जो बिहार के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
सहरसा हवाई अड्डा के रनवे के विस्तार के लिए 12.08891 एकड़ अतिरिक्त भूमि के अधिग्रहण को हरी झंडी मिल गई है। इस विस्तार के लिए अनुमानित मुआवजा राशि ₹1,47,76,56,180/- (एक सौ सैंतालीस करोड़ छिहत्तर लाख छप्पन हजार एक सौ अस्सी रुपये) मात्र निर्धारित की गई है।
सहरसा, जो मिथिलांचल क्षेत्र का एक प्रमुख केंद्र है, में लंबे समय से एक कार्यात्मक हवाई अड्डे की मांग की जा रही थी। यह विस्तार न केवल यात्री उड़ानों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि इस क्षेत्र की व्यावसायिक और पर्यटन क्षमता को भी बढ़ावा देगा।
दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय भागलपुर ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा के निर्माण से संबंधित है। भागलपुर जिला के सुल्तानगंज अंचल के अंतर्गत बनने वाले इस नए हवाई अड्डे के लिए 931 एकड़ भूमि अर्जित की जाएगी। इसके लिए अनुमानित मुआवजा राशि ₹4,72,72,00,000/- (चार सौ बहत्तर करोड़ बहत्तर लाख रुपये) मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। यह एक ग्रीनफील्ड परियोजना है, जिसका अर्थ है कि यह बिल्कुल नए सिरे से विकसित किया जाएगा, जिससे यह भागलपुर और आसपास के जिलों के लिए एक प्रमुख एयर कनेक्टिविटी हब बन जाएगा।
ये दोनों फैसले क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS) 'उड़ान' के तहत बिहार के प्रमुख शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ने की राज्य सरकार की व्यापक योजना का हिस्सा हैं। अतीत में, बिहार सरकार ने दरभंगा हवाई अड्डे को सफलतापूर्वक चालू किया है और बिहटा (पटना) में एक अंतर्राष्ट्रीय नागरिक एन्क्लेव के विकास पर भी काम चल रहा है। इन पूर्व फैसलों को देखते हुए, सहरसा और भागलपुर में हवाई अड्डों के लिए भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति राज्य के अन्य क्षेत्रों में हवाई सेवाओं को सक्रिय करने की दिशा में एक और दृढ़ कदम है।
कैबिनेट की यह मंजूरी अब इन परियोजनाओं पर जमीन पर काम शुरू करने का मार्ग प्रशस्त करेगी। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होने की उम्मीद है, जिसके बाद हवाई अड्डा निर्माण और विस्तार का कार्य शुरू हो सकेगा। इन दोनों हवाई अड्डों के चालू हो जाने से उत्तर बिहार और अंग क्षेत्र (भागलपुर) के लोगों को बड़े शहरों तक पहुंचने में आसानी होगी, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, और अंततः बिहार के समग्र आर्थिक विकास में तेजी आएगी।