Bihar Politics: बिहार कांग्रेस के 7 बड़े नेता 6 साल के लिए निष्कासित, पार्टी में कलह के बीच शेष नेतृत्व के कार्रवाई से मचा हड़कंप

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कांग्रेस के 7 बड़े नेताओं पर गिरी गाज - फोटो : social media

Bihar Politics:  बिहार में महागठबंधन को विधानसभा चुनाव में करारी हार मिली है। राजद को मात्र 25 सीट पर जीत मिली तो वहीं कांग्रेस का लगभग सुफड़ा साफ हो गया। कांग्रेस के 6 विधायक जीते। वहीं करारी हार के बाद कांग्रेस में अंदरुनी कलह देखने को मिल रहा है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और बिहार कांग्रेस प्रभारी अर्जुन अल्लावरु के खिलाफ विरोध शुरु कर दिया है। हाल ही में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय के बाहर जमकर बवाल काटा था।  पार्टी में कलह के बीच पार्टी के शेष नेतृत्व ने बड़ी कार्रवाई की है। कांग्रेस के हाईकमान ने 7 बड़े नेता को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई इन अधिकारियों के पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने को लेकर किया गया है। 

पार्टी में कलह के बीच बड़ी कार्रवाई 

जानकारी अनुसार कांग्रेस पार्टी में अनुशासनहीनता के मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने सात नेताओं को छह वर्षों के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई पार्टी के मूल सिद्धांतों, संगठनात्मक मर्यादा और अनुशासन के प्रति शिथिल रवैया अपनाने तथा लगातार पार्टी मंचों के बाहर भ्रामक बयान जारी करने के आरोपों के बाद की गई है। अनुशासन समिति के अध्यक्ष कपिलदेव प्रसाद यादव द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि संबंधित नेताओं से प्राप्त स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया। उनके कृत्य पार्टी अनुशासन उल्लंघन के पाँच मानकों में से तीन श्रेणियों में स्पष्ट रूप से आते हैं।

समिति के अनुसार अनुशासनहीनता के प्रमुख आधार

नेताओं ने लगातार पार्टी कार्यक्रमों और निर्णयों के विरुद्ध पार्टी मंच से बाहर बयान जारी किए। सक्षम अधिकारियों के निर्देशों की जानबूझकर अवहेलना की। प्रिंट और सोशल मीडिया में टिकट खरीद–फरोख्त जैसे निराधार आरोप लगाकर पार्टी की छवि को क्षति पहुँचाई। समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि उम्मीदवार चयन की पूरी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और व्यवस्थित रही। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, जनसंपर्क कार्यक्रम, प्रदेश चुनाव समिति तथा अखिल भारतीय चुनाव समिति की समीक्षा के बाद ही अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा की गई थी।

इन नेताओं पर बड़ी कार्रवाई 

इसके बावजूद, संबंधित नेताओं के आचरण से प्रदेश कांग्रेस कमेटी, पर्यवेक्षकों, चुनाव समितियों और एआईसीसी के निर्णयों की अवमानना हुई। समिति ने बताया कि केंद्रीय पर्यवेक्षक अविनाश पाण्डेय की सहमति से विधानसभा पर्यवेक्षक बनाए जाने के बाद भी यह नेता अनुशासनहीनता पर कायम रहे। छह वर्ष के लिए निष्कासित किए गए नेताओं में कांग्रेस सेवा दल के पूर्व उपाध्यक्ष आदित्य पासवान, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष शकीलुर रहमान, किसान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार शर्मा, प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार राजन, अति पिछड़ा विभाग के पूर्व अध्यक्ष कुंदन गुप्ता, बांका जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष कंचना कुमारी और कांग्रेस नेता रवि गोल्डेन शामिल है।