Railway News: बिहार-यूपी और बंगला आने वाली 70 ट्रेनें को किया जाएगा शिफ्ट, अब दिल्ली रेलवे स्टेशन से इन ट्रेनों का नहीं होगा परिचालन, जानिए क्या है वजह

Railway News: बिहार यूपी और बंगाल आने वाली 70 ट्रेनों का परिचालन अब ग्रेटर नोएडा से होगा। ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी रेलवे स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर का ट्रांसफोर्ट हब भी बनाने की योजना है। आइए जानते हैं पूरी खबर

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ग्रेटर नोएडा से चलेंगी 70 ट्रेनें- फोटो : social media

बिहार और यूपी सहित बंगाल जाने वाली 70 ट्रेनें ग्रेटर नोएडा से चलेंगी। बोड़ाकी रेलवे स्टेशन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का ट्रांसपोर्ट हब बनाने की तैयारी जारी है।  दरअसल, देश की राजधानी दिल्ली की तर्ज पर ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी गांव में एक आधुनिक और बहुपरिवहन सुविधा से युक्त मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (MMTH) विकसित किया जा रहा है। इस हब के केंद्र में बनने वाला बोड़ाकी रेलवे स्टेशन 13 प्लेटफॉर्म के साथ तैयार होगा। जहां से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल की दिशा में जाने वाली 70 ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।

रेल मंत्रालय और डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन की टीम ने किया निरीक्षण

हाल में ही रेल मंत्रालय और डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन की टीम ने साइट का निरीक्षण किया। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) परियोजना के तहत बनने वाले इस हब के लिए 358 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। जहां चारदीवारी का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। दिसंबर 2023 में इस परियोजना को 'स्पेशल रेलवे प्रोजेक्ट' घोषित किया गया था। जिससे विकास कार्यों में तेजी की उम्मीद है।

ट्रेन, मेट्रो और बस तीनों की सुविधा एक ही परिसर में 

जानकारी अनुसार ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और केंद्र सरकार की संयुक्त कंपनी इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (IITGNL) इस परियोजना को विकसित कर रही है। अनुमानित लागत करीब 1625 करोड़ रुपये है। जिसे डीएमआईसी द्वारा वहन किया जाएगा, जबकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जमीन नि:शुल्क दे रहा है। इस हब में एक ही परिसर में रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन और अंतरराज्यीय व क्षेत्रीय बस टर्मिनल होंगे। यहां से कुल 80 बसों का संचालन प्रस्तावित है। इसके अलावा कोच मेंटेनेंस यार्ड, जल व सीवेज शोधन संयंत्र, और बहुमंजिला पार्किंग जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।

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दिल्ली रेलवे स्टेशन से नहीं होगा परिचालन  

बोड़ाकी हब को विकसित करने का उद्देश्य दिल्ली और आनंद विहार आईएसबीटी पर यात्री दबाव को कम करना है। यहां से बिहार, यूपी और बंगाल की दिशा में चलने वाली अधिकांश प्रमुख ट्रेनों को शिफ्ट किया जाएगा। इस हब को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ने के लिए एक्वा लाइन का विस्तार भी प्रस्तावित है। ग्रेटर नोएडा डिपो स्टेशन से बोड़ाकी तक 2.6 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बिछाया जाएगा, जिसका प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास लंबित है। अनुमति मिलते ही नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (NMRC) डिजाइन कंसल्टेंट नियुक्त कर निर्माण की प्रक्रिया शुरू करेगा।

जोन आधारित विकास योजना

जोन-1 में अंतरराज्यीय और क्षेत्रीय बस टर्मिनल, मेट्रो स्टेशन, व्यावसायिक और खुदरा कारोबार की सुविधा। जोन-2 में रेलवे स्टेशन, होटल, रेलवे ओवरब्रिज, बहुमंजिला पार्किंग, रेलवे यार्ड और व्यावसायिक क्षेत्र। इस अत्याधुनिक मल्टीमॉडल हब को अगले दो से तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।