Bihar Government: एक क्लिक में पूरा बिहार, सभी विभागों का हाल बताएगा अत्याधुनिक स्ट्रेटजी रूम, सुशासन को मिलेगी डिजिटल रफ़्तार

Bihar Government: नीति आयोग के विकसित मॉडल की तर्ज़ पर तैयार यह स्ट्रेटजी रूम ऐसा डिजिटल मंच है, जहां राज्य के सभी 45 विभागों और उनकी योजनाओं से जुड़ी समस्त जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध होगी।

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सभी विभागों का हाल बताएगा अत्याधुनिक स्ट्रेटजी रूम- फोटो : social Media

Bihar Government: बिहार के शासन-प्रशासन में तकनीक का नया अध्याय जुड़ गया है। गुरुवार को योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने अत्याधुनिक स्ट्रेटजी रूम एवं कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का उद्घाटन करते हुए राज्य की नीति-निर्माण प्रक्रिया को एक नई ऊंचाई देने का संकल्प दोहराया।

नीति आयोग के विकसित मॉडल की तर्ज़ पर तैयार यह स्ट्रेटजी रूम ऐसा डिजिटल मंच है, जहां राज्य के सभी 45 विभागों और उनकी योजनाओं से जुड़ी समस्त जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। अब किसी भी विभाग की प्रगति, योजना की स्थिति, बजट उपयोग या लक्ष्य पूर्ति का ब्यौरा तुरंत देखा जा सकेगा।

मंत्री ने कहा, यह व्यवस्था बिहार में गति, सटीकता और पारदर्शिता का नया मानक स्थापित करेगी। एक क्लिक में पूरे राज्य की योजनागत स्थिति जानना न केवल संभव होगा, बल्कि इस डेटा के आधार पर योजना-निर्माण अधिक सरल, सटीक और परिणामोन्मुखी बन सकेगा। इसे उन्होंने सुशासन का उत्कृष्ट उदाहरण करार दिया।

स्ट्रेटजी रूम की सबसे अहम विशेषता यह है कि यह विभागों को आपस में जोड़ने वाला सेतु बनेगा। इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में तालमेल बढ़ेगा, संसाधनों का दोहराव रुकेगा और जनता को लाभ पहुंचाने में समय की बचत होगी। मंत्री के शब्दों में, “यह बिहार को नीति और तकनीक के संगम से विकसित राज्य की दिशा में आगे बढ़ाने की निर्णायक पहल है।”

इस अवसर पर प्रधान सचिव के. सेंथिल कुमार ने भी इस परियोजना को राज्य के नीति-निर्माण और निगरानी को अधिक आधुनिक, पारदर्शी और डेटा-संचालित बनाने की दिशा में मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी कामकाज में जवाबदेही और दक्षता दोनों में वृद्धि होगी।

स्ट्रेटजी रूम में हाई-रिज़ॉल्यूशन डिस्प्ले स्क्रीन, लाइव डेटा फीड, विभागवार डैशबोर्ड और त्वरित विश्लेषण की सुविधा है। अधिकारी रियल-टाइम में योजनाओं की प्रगति देख सकेंगे और ज़रूरत पड़ने पर तत्काल सुधारात्मक कदम उठा पाएंगे।

बिहार में सुशासन की दिशा में यह कदम न केवल प्रशासनिक क्षमता को नई ऊर्जा देगा, बल्कि यह आम जनता के लिए भी राहत का माध्यम बनेगा। पहले जहां किसी योजना की जानकारी पाने के लिए अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, अब एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म से पूरी तस्वीर सामने होगी।