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Bihar Teachers News : शिक्षा विभाग का भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार ! ACS एस. सिद्धार्थ के नए आदेश से मचा भूचाल, डीईओ से प्रधानाध्यापक तक हर किसी को लगा झटका

बिहार के शिक्षा विभाग के एक नए आदेश से राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी को अब एक अहम काम से अलग कर दिया गया है. एसीएस एस. सिद्धार्थ ने बुधवार को इस सम्बंध में एक बड़ा आदेश जारी किया है.

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Bihar Teachers News - फोटो : news4nation

Bihar Teachers News : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ के एक आदेश से डीईओ से प्रधानाध्यापक तक हर किसी को झटका लगा है. साथ ही विकास कार्यों के नाम पर गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखने और भ्रष्टाचार करने वालों पर इस आदेश को बड़ा प्रहार माना जा रहा है. विभाग की ओर से बुधवार को राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस सम्बंध में पत्र जारी किया गया है. 


एस. सिद्धार्थ की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य के स्कूलों में सभी विकासात्मक कार्य बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड, बिहार द्वारा ही कराए जाएंगे. अब एक मात्र यही एजेंसी सभी प्रकार के विकास कार्यों को करने के लिए अधिकृत होगी. साथ ही  प्रधानाध्यापकों को लेकर भी एक अहम निर्देश दिया गया है. 


विभाग की ओर से कहा गया है कि विकास कार्यों के निरीक्षण एवं समीक्षा के क्रम में यह पाया गया है कि शिक्षा विभाग के विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों का क्रियान्वयन अनेकों एजेन्सी जैसे बिहार शिक्षा परियोजना, बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, जिला परिषद्, भवन निर्माण विभाग, जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रधानाध्यापक इत्यादि द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। ई-शिक्षा कोष पर अपलोड किये गये आंकड़ों की समीक्षा में क्रम में यह पाया गया है कि जिला स्तर पर असैनिक कार्यों का क्रियान्वयन किए जाने के कारण जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी तथा प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी जिला के विद्यालयों के शैक्षणिक कार्यों के अनुश्रवण में पर्याप्त समय नहीं देते है। इस कारण से शिक्षा विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं के समरूप एवं समेकित रूप से गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन में कठिनाई हो रही है।


वर्तमान में जिला स्तरीय कमिटि के माध्यम से जिला स्तर पर विकास कार्यों को क्रियान्वित करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी अधिकत्तम 50 लाख तक की योजना ले सकते हैं। ऐसी स्थति में एक ही विद्यालय परिसर की अनेक योजनाएं 50 लाख की सीमा के अन्दर सीमित कर क्रियान्वित की जा रही है। इस कारण एक विद्यालय का समेकित विकास नहीं हो पा रहा है और साथ ही साथ एक ही परिसर में अनेक संवेदक कार्यरत हैं। चयनित योजनाओं की संख्या में भी अप्रत्याशित वृद्धि हो गई है तथा योजनाओं की गुणवत्ता के अनुश्रवण में कठिनाई हो रही है।


बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड को जिम्मेदारी 

इसमें कहा गया कि वर्तमान में बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड केवल 50 लाख से अधिक राशि की योजना के क्रियान्वयन के लिए प्राधिकृत है। जबकि इस निगम का गठन शिक्षा विभाग के सभी प्रकार के विकास कार्यों को करवाने के लिए किया गया है। उक्त परिस्थिति में शिक्षा विभाग के असैनिक कार्यों के क्रियान्वयन हेतु सृजित बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड को सुदृढ़ करने तथा शिक्षा विभाग के सभी असैनिक कार्य को बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से ही कराने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।


1 अप्रैल 2025 से नई व्यवस्था 

शिक्षा विभाग के नए निर्णय के अनुसार अब  शिक्षा विभाग के सभी प्रकार के विकास कार्यों का क्रियान्वयन 31.03.2025 के बाद बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा ही किया जाएगा। विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाध्यापक अपने स्तर पर मरम्मति के कार्य करा सकेंगे जिसकी कुल अधिकतम सीमा 50 हजार है। यह व्यवस्था यथावत् रहेगी। उक्त राशि प्रधानाध्यापक के खाते में विभाग द्वारा स्थानान्तरित कराया जायेगा।


जिला शिक्षा पदाधिकारी से छिना काम 

31 मार्च, 2025 के बाद किसी भी निर्माण से संबंधित राशि जिला शिक्षा पदाधिकारी को नहीं दी जाएगी। निर्माण कार्य के लिए विभाग सीधे बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड को राशि उपलब्ध कराएगा। अतः सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी जिलों में जारी निर्माण कार्यों की समीक्षा करेंगे एवं सभी योजनाओं का अद्यतन भुगतान करते हुए सभी योजनाओं का अभिलेख 31 मार्च, 2025 तक बंद कर देंगे। यदि 31 मार्च, 2025 के बाद कोई योजना लम्बित रह जाती है तो वैसी योजनाओं को बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड को स्थानांतरित कर देंगे, ताकि बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से उन योजनाओं को पूरा किया जा सके। विभाग ने कहा है कि उपरोक्त व्यवस्था के पश्चात जिला शिक्षा पदाधिकारी केवल शैक्षणिक कार्यों में ही अपना ध्यान एवं रूचि केन्द्रित करेंगे।

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