Bihar Election 2025: अनंत सिंह के विरोधी मोनू को भेजा गया सबसे बड़े जेल में, मोकामा चुनाव के बीच इन सब पर बड़ी कार्रवाई
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। इसी बीच पटना के बेऊर जेल से कई कुख्यात अपराधियों को भागलपुर सेंट्रल जेल भेजा गया है। जिसमें अनंत सिंह के विरोधी मोनू भी शामिल है।
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट हो गई हैं। इसी कड़ी में राजधानी पटना स्थित बेऊर केंद्रीय कारा से 13 कुख्यात अपराधियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भागलपुर सेंट्रल जेल स्थानांतरित किया गया है। गृह (कारा) विभाग ने यह कदम चुनाव के दौरान किसी भी आपराधिक साजिश या जेल से बाहरी संपर्क को रोकने के उद्देश्य से उठाया है।
इन कुख्यात अपराधियों का ट्रांसफर
स्थानांतरित किए गए अपराधियों में कई नाम बेहद चर्चित हैं मोकामा से बाहुबली नेता अनंत सिंह के विरोधी मोनू कुमार, दीघा का रवि गोप, चंदन मिश्रा हत्याकांड का शूटर तौसीफ रजा उर्फ बादशाह, पीरबहोर के शौकत मियां और माजिद खान उर्फ डिडिया, बक्सर के विजयकांत पांडेय व राजेश यादव, आलमगंज का विजय साहनी, पटना सिटी के मो. राजा व दानिश, जहानाबाद का रौशन शर्मा, बुद्धा कॉलोनी का शंकर राय, सुल्तानगंज का नियाज अहमद, और मालसलामी का उमेश यादव शामिल हैं।
बेऊर जेल में हुई थी छापेमारी
पटना एसएसपी ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान अपराधियों द्वारा जेल से किसी भी प्रकार का प्रभाव न डाला जाए। इसके लिए यह कार्रवाई की गई है। बेऊर जेल में हाल ही में की गई औचक छापेमारी में 5 कीपैड मोबाइल, सिम कार्ड, एयरपॉड और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई थी। इससे यह संदेह पुख्ता हुआ कि कुछ बंदी जेल के भीतर से ही अपराधी नेटवर्क को सक्रिय रखे हुए हैं।
जेल के भीतर कर रहे थे साजिश
गृह कारा विभाग के सूत्रों के अनुसार, इन कैदियों के खिलाफ लगातार इनपुट मिल रहे थे कि वे जेल के भीतर से ही रंगदारी, धमकी और चुनाव प्रभावित करने की साजिशें रच रहे हैं। इसी के मद्देनज़र पटना डीएम और डीआईजी/एसएसपी की अनुशंसा पर इनका स्थानांतरण किया गया।
भागलपुर सेंट्रल जेल के तृतीय खंड में रहेंगे अपराधी
जानकारी के अनुसार, भागलपुर सेंट्रल जेल के अत्यधिक सुरक्षित तृतीय खंड वार्ड में इन सभी अपराधियों को रखा जाएगा। जहां बाहरी संपर्क पूरी तरह सीमित रहेगा। प्रशासन का कहना है कि यह कदम चुनाव के दौरान शांति, निष्पक्षता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि राज्य प्रशासन चुनाव के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी या दबंगई को कतई बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।