PATNA - पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया कि बी-टेक डिग्रीधारी जूनियर इंजीनियर के पद के योग्य नहीं हैं।बिहार जल संसाधन विभाग के अधीनस्थ इंजीनियरिंग (सिविल) संवर्ग भर्ती नियम-2023 के नियम 8(1)(ii) और (iii) को चुनौती देने वाली याचिका को एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जूनियर इंजीनियर (सिविल) के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता के रूप में सिविल/मैकेनिकल/इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या समकक्ष निर्धारित किया गया है। लेकिन बीटेक डिग्रीधारी उम्मीदवार इस पद पर आवेदन कर नियुक्त हो जाते थे। इसके बाद राज्य सरकार ने इंजीनियरिंग (सिविल) संवर्ग भर्ती नियम लाई।जिसके तहत डिग्रीधारी को जूनियर इंजीनियर के पद के लिए अयोग्य करार कर दिया। इस नियम को हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी।
35 पन्ने का आदेश
कोर्ट ने सभी पक्षों की ओर से तथ्यों को सुनने के बाद अपने 35 पन्ने का आदेश जारी किया।कोर्ट ने कहा कि संबंधित नियम जूनियर इंजीनियर के पद के लिए निर्धारित योग्यता के संबंध में बहुत विशिष्ट हैं, जो सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है। ऐसे विषय में डिग्री रखने के पीछे कोई तर्क नहीं है कि उच्च योग्यता के अनुरूप/चैनल हो, जो डिप्लोमा की कम योग्यता को अपने में समाहित कर ले। पद के लिए योग्यता निर्धारित करना भर्ती नीति का मामला है और नियोक्ता के रूप में राज्य पात्रता की शर्त के रूप में योग्यता निर्धारित करने का हकदार है।
निर्धारित योग्यताओं के दायरे का विस्तार करना न्यायिक समीक्षा की भूमिका या कार्य का हिस्सा नहीं है। किसी योग्यता की समतुल्यता भी ऐसा मामला नहीं है, जिसे न्यायिक समीक्षा की शक्ति के प्रयोग में निर्धारित किया जा सके।ये पूरी तरह से राज्य/भर्ती प्राधिकारी के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि किसी विशेष पद के लिए योग्यता निर्धारित करते समय नियोक्ता विभिन्न कारकों को ध्यान में रख सकता है, विशेष रूप से पद की कार्यक्षमता के साथ-साथ सामाजिक ढांचे में नौकरी के अवसरों के सृजन को ध्यान में रखते समय।
कोर्ट ने बिहार जल संसाधन विभाग अधीनस्थ इंजीनियरिंग (सिविल) संवर्ग भर्ती नियम, 2023 के नियम 8 (I) (II) और (III) को असंवैधानिक करार देने से इंकार कर दिया।