Bihar Bridges Project: राज्य के किसी भी हिस्से से महज 4 घंटे में ...

बिहार में गंगा, सोन, गंडक और कोसी नदियों पर 12 नए पुलों का निर्माण होगा, जिससे राज्य के किसी भी कोने से पटना चार घंटे में पहुंचने का लक्ष्य पूरा होगा।

Bihar Bridges Project: राज्य के किसी भी हिस्से से महज 4 घंटे
Bihar Bridges Project: - फोटो : freepik

Bihar Bridges Project: बिहार सरकार ने राज्य के गंगा, सोन, गंडक, और कोसी नदियों पर 12 नए पुलों का निर्माण करने की योजना बनाई है। इन पुलों के निर्माण से राज्य के सभी हिस्सों से पटना तक पहुंचने का समय चार घंटे किया जाएगा। फिलहाल इन नदियों पर 24 पुल बने हुए हैं और 15 पुलों का निर्माण कार्य चल रहा है। इन नए पुलों के साथ, कुल पुलों की संख्या 51 हो जाएगी।

चार घंटे में पटना पहुंचने की योजना

बिहार सरकार ने पहले राज्य के किसी भी कोने से छह घंटे में पटना पहुंचने की योजना बनाई थी, जिसे पूरा कर लिया गया है। अब सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक राज्य के किसी भी हिस्से से चार घंटे में पटना पहुंचा जा सके। इसके लिए बिहार में सड़कों और पुलों का नेटवर्क मजबूत किया जा रहा है।

12 नए पुलों की योजना

चार नदियों पर नए पुलों का निर्माण राज्य के यातायात को सुगम बनाने के लिए बेहद जरूरी है।

गंगा नदी:

बक्सर में मौजूदा पुल के समानांतर तीन लेन का नया पुल।

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे पर छह लेन का पुल।

कहलगांव में चार लेन का पुल।

सोन नदी:

वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस-वे पर पुल।

पटना-आरा-सासाराम मार्ग पर पुल।

गंडक नदी:

वीटीआर बाइपास पर चार लेन का पुल।

पतजिरवा में एनएच 727ए पर चार लेन पुल।

गोरखपुर-सिलीगुड़ी मार्ग पर छह लेन का पुल।

सत्तरघाट में चार लेन का पुल।

कोसी नदी:

गोरखपुर-सिलीगुड़ी मार्ग पर छह लेन पुल।

सिमरी-बख्तियारपुर के पास छह लेन का पुल।

कुरसेला में चार लेन का अतिरिक्त पुल।

राज्य के सड़क नेटवर्क का विस्तार

बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि राज्य का भूगोल ऐसा है कि यहां हिमालय से निकलने वाली नदियों का जल प्रवाह होता है, और दक्षिण बिहार में भी सोन और अन्य नदियों का प्रवाह है। सुगम यातायात के लिए इन नदियों पर पुलों का निर्माण बेहद जरूरी है ताकि लोग कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। सरकार की योजना है कि 2035 तक बिहार के किसी भी हिस्से से पटना पहुंचने में मात्र तीन घंटे का समय लगेगा। इसके लिए 5,000 किलोमीटर सिंगल लेन सड़कों को दो लेन या इससे अधिक चौड़ा किया जाएगा और हर 20 किलोमीटर की दूरी पर चार लेन सड़कें बनाई जाएंगी।

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