Bihar Police: ADG कुंदन कृष्णन का ऐलान अब नशे के कारोबार पर कसेगा शिकंजा! साइबर और नारकोटिक्स कंट्रोल के लिए अलग से बनेगी यूनिट, डिजिटल युग में बढ़ते अपराध पर लगेगा लगाम
Bihar Police: बिहार के ADG कुंदन कृष्णन ने ऐलान किया है कि बिहार पुलिस साइबर ने क्राइम और ड्रग्स तस्करी से निपटने के लिए दो नई यूनिट्स का गठन किया है।

Bihar Police: बिहार में साइबर अपराधों की संख्या में बीते कुछ वर्षों में तेज़ी से इज़ाफा हुआ है। ऑनलाइन ठगी, बैंक फ्रॉड, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाना, मोबाइल एप्स के ज़रिए धोखाधड़ी जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। राज्य के दूरदराज़ इलाकों से लेकर शहरी केंद्रों तक, इन अपराधों ने पुलिस व्यवस्था की परंपरागत कार्यशैली को चुनौती दी है। इस संबंध में बिहार के एडीजी कुंदन कृष्णन पटना स्थित पुलिस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई जरूरी जानकारी साझा की है।
एडीजी कुंदन कृष्णन के अनुसार, अब तक इन मामलों की जांच कई स्तरों पर बंटी हुई थी – कोई केस आर्थिक अपराध इकाई (EOU) देख रही थी तो कोई सीआईडी। लेकिन डिजिटल अपराधों की गंभीरता को देखते हुए अब एक समर्पित "साइबर क्राइम कंट्रोल यूनिट" बनाई जा रही है।यह यूनिट अत्याधुनिक साइबर फॉरेंसिक टूल्स से लैस होगी और पूरे राज्य में साइबर थानों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। इससे जांच की गति, सटीकता और पारदर्शिता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
बिहार में नशे के बढ़ते जाल को तोड़ने के लिए बनेगी ‘नारकोटिक्स कंट्रोल सेल’
बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद नशीली दवाओं की अवैध तस्करी और सेवन के मामले चिंताजनक रूप से बढ़े हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे गया, चतरा और मोतिहारी में ड्रग्स की सप्लाई चेन बनी हुई है।इस बढ़ती समस्या से निपटने के लिए बिहार सरकार अब ‘नारकोटिक्स कंट्रोल सेल’ का गठन कर रही है। यह यूनिट न सिर्फ नशीले पदार्थों की तस्करी पर नजर रखेगी बल्कि युवाओं में बढ़ रही नशे की लत से भी सख्ती से निपटेगी।इस यूनिट का समन्वय केंद्र सरकार के Narcotics Control Bureau (NCB) के साथ किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य और केंद्र के बीच डेटा शेयरिंग, अभियानों और जांच में बेहतर तालमेल बना रहे।
नए यूनिट्स की संरचना और संचालन प्रणाली कैसी होगी?
प्रस्तावित दोनों यूनिट्स साइबर क्राइम और नारकोटिक्स सीधे बिहार पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करेंगी। इनका नेतृत्व ADG और IG रैंक के अधिकारी करेंगे। इसके अतिरिक्त विशेष पदों का सृजन किया जाएगा।तकनीकी विशेषज्ञों और अनुभवी पुलिस अधिकारियों की तैनाती होगी।इन यूनिट्स के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे।यह संरचना बिहार में अपराध नियंत्रण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम मानी जा रही है, जो अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है।
पटना से अनिल की रिपोर्ट