Bihar Government:बिहार प्रशासनिक सेवा के 15 अधिकारियों पर गिरी गाज, एक सप्ताह में में ये काम नहीं किया तो होगी कड़ी कार्रवाई, नाम भी जान लीजिए
Bihar Government:बिहार प्रशासनिक सेवा के 15 अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं! ...

Patna: बिहार प्रशासनिक सेवा के 15 अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं! सामान्य प्रशासन विभाग ने इन अधिकारियों को सेवा इतिहास पोर्टल को अपडेट करने में लापरवाही बरतने पर कड़ा नोटिस थमाया है। विभाग ने इसे अनुशासनहीनता और उच्च अधिकारियों के आदेश की अनदेखी मानते हुए इन सभी से एक हफ्ते के अंदर, यानी 19 मई 2025 तक, स्पष्टीकरण मांगा है। अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो इन अधिकारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई की तलवार लटक सकती है!
कौन हैं ये 15 लापरवाह अधिकारी?
जिन 15 BAS अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं: सुशील कुमार, मनोज कुमार, अखिलेश कुमार सिंह, वीरेंद्र कुमार, राकेश कुमार, राकेश कुमार झा, प्रमोद कुमार, गयन कुमार राम, सूरज कुमार सिन्हा, रेणु कुमारी, उत्तम कुमार, सुधीर कुमार, दुष्यंत कुमार, दीप शिखा, और आरूप। इन सभी को सख्त लहजे में कहा गया है कि उन्हें 19 मई 2025 को होने वाले अपडेशन कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल होना होगा।
क्यों जरूरी है सेवा इतिहास पोर्टल अपडेट करना?
राज्य सरकार बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से जुड़ी हर जानकारी को ऑनलाइन रखने की तैयारी में है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सेवा इतिहास पोर्टल बनाया है। इस पोर्टल पर अधिकारियों को खुद अपनी सेवा से जुड़ी जानकारी अपलोड करनी है। यह कदम पारदर्शिता लाने और सरकारी कामकाज को डिजिटल बनाने में बेहद अहम है।
विभाग का सख्त रवैया, नहीं चलेगी कोई बहानेबाजी!
सामान्य प्रशासन विभाग ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है। बार-बार सूचना देने के बावजूद पोर्टल अपडेट न करने को विभाग ने गंभीरता से लिया है। अवर सचिव के पत्र में साफ-साफ लिखा है कि यह लापरवाही अनुशासनहीनता है और उच्च अधिकारियों के आदेशों का उल्लंघन है। विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर 19 मई तक इन अधिकारियों ने सही जवाब नहीं दिया या अपडेशन के काम में हिस्सा नहीं लिया, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई, इस बार भी नहीं मिलेगी छूट!
यह पहली बार नहीं है जब सामान्य प्रशासन विभाग ने लापरवाह अधिकारियों पर शिकंजा कसा है। पहले भी प्रशासनिक कार्यों में ढिलाई बरतने वालों पर कार्रवाई हुई है। इस बार डिजिटल प्रशासन को मजबूत करने के लिए विभाग किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।
अब क्या होगा?
इन 15 अधिकारियों के पास अब सिर्फ 19 मई 2025 तक का समय है। इस तारीख तक उन्हें न सिर्फ सेवा इतिहास पोर्टल को अपडेट करना होगा, बल्कि अपनी लापरवाही का संतोषजनक कारण भी बताना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें निलंबन, पदावनति जैसी गंभीर disciplinary actions का सामना करना पड़ सकता है। यह मामला दूसरे अधिकारियों के लिए भी एक सबक है कि अब डिजिटल कामकाज में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डिजिटल इंडिया की राह में रोड़ा?
सेवा इतिहास पोर्टल को अपडेट करने का यह कदम बिहार सरकार के डिजिटल प्रशासन की ओर बढ़ने के बड़े प्लान का हिस्सा है। इससे कामकाज तो आसान होगा ही, अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय होगी। लेकिन इन 15 अधिकारियों की लापरवाही यह सवाल जरूर खड़ा करती है कि क्या बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डिजिटल युग की चुनौतियों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं? इसका जवाब तो 19 मई के बाद ही पता चलेगा, जब विभाग इन लापरवाह अधिकारियों पर अपना फैसला सुनाएगा।