Bihar art college: बिहार और झारखंड के एकमात्र आर्ट कॉलेज, कला और शिल्प महाविद्यालय, 25 जनवरी 2025 को अपना 86वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस मौके पर कॉलेज के छात्रों ने अपनी क्रिएटिविटी और कलात्मकता से कॉलेज परिसर को सजाया है। दीवारों पर मधुबनी पेंटिंग, मंजूसा, मॉडर्न आर्ट और पटना कलम जैसी पारंपरिक और आधुनिक कलाकृतियों से कॉलेज की सुंदरता में चार-चांद लग गए हैं।
स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम
इस विशेष अवसर पर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, जिसमें पेंटिंग, ग्राफिक्स, अप्लाइड आर्ट, फोटोग्राफी और मूर्तिकला के छात्रों की कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी। स्टूडेंट्स द्वारा तैयार की गई पेंटिंग, मूर्तियां, पोस्टर और फोटोग्राफ्स को अंतिम रूप देने की तैयारी में छात्र व्यस्त हैं। इसके अलावा, कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम और रैंप वॉक का भी आयोजन होगा, जो दर्शकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र रहेगा।
कार्यक्रम का उद्घाटन और अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम का उद्घाटन 25 जनवरी को दोपहर 1 बजे कॉलेज परिसर में होगा। मुख्य अतिथि नगर विकास और आवास मंत्री नितिन नवीन इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह करेंगे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री श्याम शर्मा उपस्थित रहेंगे। कॉलेज की प्राचार्य डॉ. राखी कुमारी द्वारा अतिथियों का स्वागत किया जाएगा और कार्यक्रम के दौरान स्टूडेंट्स अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे।
कला और शिल्प महाविद्यालय का इतिहास
यह प्रतिष्ठित महाविद्यालय 25 जनवरी 1939 को स्वर्गीय राधा मोहन जी द्वारा पटना के गोविंद मित्रा रोड में स्थापित किया गया था। शुरुआत में यह एक कला और शिल्प स्कूल था, जिसे बाद में 1957 में विद्यापति मार्ग पर स्थानांतरित किया गया। वर्ष 1972 में इसका नाम बदलकर कला और शिल्प महाविद्यालय रखा गया। 12 अप्रैल 1977 को इसे पटना यूनिवर्सिटी के अधीन कर दिया गया और वर्ष 2012 में इसमें सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया।
विद्यार्थियों की विशेष भागीदारी
इस विशेष अवसर के लिए छात्रों ने अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया है:
राइमा ने सर्टिफिकेट डिजाइन किया है, जिसे कार्यक्रम में सभी स्टूडेंट्स को प्रदान किया जाएगा।
अभिषेक कुमार ने मेमोंटो डिजाइन किया है, जिसमें कॉलेज के संस्थापक राधा मोहन जी और कॉलेज का लोगो शामिल है।
हर्षा ने मंडला वर्क किया है, जिसमें जय माता दी और श्रीकृष्ण के साथ मंत्र लिखे हैं।
जीवित राज ने महिलाओं के संघर्ष को छापाकला के माध्यम से दर्शाया है।
अनीश और उनके साथियों ने स्थापना दिवस के स्टेज डिजाइन को तैयार किया है, जिसमें प्राचीन वास्तुकला का लुक दिया गया है। कला और शिल्प महाविद्यालय का 86वां स्थापना दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें छात्रों की रचनात्मकता और कला का भरपूर प्रदर्शन किया जाएगा। यह कार्यक्रम कला प्रेमियों के लिए एक शानदार अनुभव साबित होगा।