Bihar assembly elections: महागठबंधन के भीतर सीटों की गुत्थी उलझी! JMM ने कर सकती है ऐसी मांग, जिसे सुनकर टेंशन में आ जाएंगे तेजस्वी यादव, बिगड़ सकता है RJD का खेल

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर झामुमो और राजद के बीच तनाव बढ़ा है। जानिए झामुमो की दावेदारी और राजद की रणनीति का पूरा विश्लेषण।

Bihar assembly elections
Bihar assembly elections- फोटो : social media

 Bihar assembly elections: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले महागठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान तेज हो गई है। राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भी अपनी हिस्सेदारी को लेकर आक्रामक होता दिखाई दे रहा है। खासकर झारखंड सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्रों में झामुमो अपनी राजनीतिक संभावनाओं का आकलन कर रहा है, जिससे राजद की चिंता बढ़ गई है।

सीमावर्ती सीटों से अच्छी उम्मीदें

झामुमो को इस बार सीमावर्ती सीटों से अच्छी उम्मीदें हैं, जबकि राजद इन क्षेत्रों पर अपना मजबूत दावा बनाए हुए है। स्थिति को संभालने के प्रयास चल रहे हैं ताकि झामुमो को बिहार की राजनीति से दूर रखा जा सके। लेकिन इतिहास को देखते हुए यह कार्य आसान नहीं दिख रहा है। 

राजद ने झामुमो के क्षेत्रों में दावेदारी की थी

झारखंड विधानसभा चुनावों में जिस तरह से राजद ने झामुमो के क्षेत्रों में दावेदारी की थी, उसका असर अब बिहार में दिखाई दे रहा है। झामुमो अपने पुराने सहयोगी राजद से बराबरी की अपेक्षा कर रहा है, लेकिन महागठबंधन में उसकी मांगों को पूरा करना मुश्किल होता दिख रहा है।

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झामुमो और राजद के रिश्ते तनावपूर्ण रहे थे

पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान भी झामुमो और राजद के रिश्ते तनावपूर्ण रहे थे। तब झामुमो ने यह आरोप लगाया था कि राजद ने राजनीतिक शिष्टाचार का पालन नहीं किया और झारखंड सरकार में अपनी भागीदारी के बावजूद झामुमो के साथ उचित व्यवहार नहीं किया। खासकर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता की नियुक्ति के बावजूद, झामुमो को अपेक्षित सम्मान नहीं मिला। इस नाराजगी के चलते झामुमो ने बिहार के सात विधानसभा क्षेत्रों झाझा, चकाई, कटोरिया, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती और नाथनगर में अपने प्रत्याशी उतार दिए थे। हालांकि उसे कोई बड़ी सफलता नहीं मिली, लेकिन उसने राजद के खेल को बिगाड़ जरूर दिया, खासकर चकाई और कटोरिया में।


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