Bihar Vidhansabha Session : बिहार विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित, अनंत सिंह ने नहीं लिया शपथ, जानिए कब अब ओथ लेंगे 'छोटे सरकार'

Bihar Vidhansabha Session : बिहार विधानसभा की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक स्थगित हो गई है। मोकामा से नव निर्वाचित विधायक अनंत सिंह ने आज शपथ नहीं ली है। ऐसे में चर्चा तेज हो गई है कि अनंत सिंह कब शपथ लेंगे?

अनंत सिंह
सदन की कार्यवाही कल तक स्थगित- फोटो : social media

Bihar Vidhansabha Session : 18वीं बिहार विधानसभा के पहले दिन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। पहले दिन सदन में सभी नव निर्वाचित सदस्यों ने शपथ लिया। हालांकि कुछ सदस्यों का शपथ ग्रहण आज नहीं हो सका।  ये सभी नवनिवार्चित सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। जिसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने कार्यवाही को स्थगित करते हुए कहा कि शेष बचे हुए सदस्यों को कल यानी मंगलवार को शपथ दिलाया जाएगा। 

कल शपथ लेंगे छोटे सरकार 

बता दें कि, इन नवनिवार्चित सदस्यों में मोकामा के बाहुलबली नेता और विधायक अनंत सिंह भी हैं। अनंत सिंह फिलहाल बेऊर जेल में बंद हैं और आज अनंत सिंह ने शपथ नहीं ली है। अब माना जा रहा है कि अनंत सिंह कल यानी मंगलवार को शपथ लेंगे। अनंत सिंह शपथ लेने के लिए पैरोल पर बाहर आ सकते हैं। सूत्रों की मानें तो अनंत सिंह अगले 4 दिनों के लिए सदन की कार्यवाही का हिस्सा हो सकते हैं।   

कब हुई थी गिरफ्तार

मालूम हो कि अक्तूबर में चुनाव प्रचार के दौरान पटना के टाल इलाके में जनसुराज प्रत्याशी, समर्थक और अनंत सिंह के समर्थकों में झड़प हुई थी। इस घटना में दुलारचंद यादव की हत्या हो गई थी। मृतक के परिजनों ने इस मामले में अनंत सिंह को नामजद किया, जिसके बाद पुलिस ने उसी दिन उन्हें गिरफ्तार कर पटना की बेउर जेल भेज दिया। निचली अदालत ने 20 नवंबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। गिरफ्तारी के बावजूद अनंत सिंह का राजनीतिक प्रभाव कायम रहा। उनके समर्थकों ने उनके लिए सक्रिय प्रचार किया और उन्होंने जेल में रहते हुए राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदवार वीणा देवी को बड़े अंतर से हराकर लगातार एक और जीत दर्ज की।

दूसरी बार जेल में रहकर जीता चुनाव

बता दें कि, यह दूसरा मौका है जब अनंत सिंह ने जेल में रहते हुए विधानसभा चुनाव जीता है। इसके पहले 2020 में अनंत सिंह ने जेल में रहते हुए विधानसभा चुनाव जीता था हालांकि तब विधानसभा सत्र शुरु होने के दौरान अनंत सिंह को पैरोल मिल गई थी। पैरोल पर जेल से आए अनंत सिंह ने विधानसभा में आकर शपथ ग्रहण की। हालांकि तब उन्हें कोर्ट ने सजा सुना दी थी जिसके कारण उनकी विधायकी रद्द हो गई। फिलहाल अनंत सिंह जेल में बंद है लेकिन उनपर चार्टशीट दायर नहीं की गई है ना ही कोर्ट से उनको सजा मिली है। ऐसे में माना जा रहा है कि अनंत सिंह को पैरोल पर बाहर निकाला जा सकता है और विधानसभा की सदस्यता दिलाकर वापस फिर बेऊर जेल भेजा जाए। 

क्या कहता है नियम?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 188 के तहत किसी भी विधायक को अपना पद ग्रहण करने से पहले राज्यपाल या उनके द्वारा नियुक्त अधिकारी के सामने तीसरी अनुसूची में निर्धारित प्रारूप के अनुसार शपथ लेनी होती है। आमतौर पर जेल में बंद निर्वाचित प्रतिनिधि अदालत से अंतरिम जमानत या पैरोल लेकर सदन में पहुंचकर शपथ लेते हैं। शपथ के बाद उन्हें वापस जेल लौटना होता है। हालांकि पैरोल न मिलने की स्थिति में बहुत दुर्लभ मामलों में अधिकृत अधिकारी जेल जाकर भी शपथ दिला सकता है, लेकिन ऐसी मिसालें बेहद कम हैं।