Bihar assembly session:बिहार विधानमंडल सत्र आज से, 243 विधायक लेंगे शपथ, स्पीकर के लिए होगा नामांकन

Bihar assembly session: बिहार की सियासत का नया दौर आज यानी सोमवार से शुरू हो रहा है, जब नवगठित सरकार के बीच 18वीं विधानसभा का पहला सत्र अपना परदा उठाएगा

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बिहार विधानमंडल सत्र आज से- फोटो : reporter

Bihar assembly session: बिहार की सियासत का नया दौर आज यानी सोमवार से शुरू हो रहा है, जब नवगठित सरकार के बीच 18वीं विधानसभा का पहला सत्र अपना परदा उठाएगा। पाँच दिनों तक चलने वाला यह सत्र महज़ एक औपचारिक कार्यवाही नहीं, बल्कि सत्ता और विपक्ष के बीच तेजतर्रार राजनीतिक मुठभेड़ का अखाड़ा बनने वाला है। विधानसभा और विधान परिषद—दोनों सदनों में इस बार हिन्दी-ऊर्दू की तासीर से लबरेज़ सियासी बयानबाज़ी देखने को मिलेगी, क्योंकि विपक्ष भी पूरी तैयारी में है और सत्ता पक्ष भी किसी भी वार को बेअसर करने की रणनीति साध चुका है।

पहले ही दिन सदन में नवनिर्वाचित 243 विधायकों का शपथ ग्रहण होगा, जिसे प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव सम्पन्न कराएंगे। इसके साथ ही सत्ता गलियारों में हलचल बढ़ेगी क्योंकि नए विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन भी इसी दिन दायर होंगे, जबकि दो दिसंबर को स्पीकर का चुनाव विधान सभा की राजनीति में एक नया समीकरण तय करेगा। विधान परिषद का सत्र हालांकि सिर्फ तीन दिनों का होगा, पर उसमें भी राजनीतिक तापमान कम नहीं रहने वाला।

तीन दिसंबर को राज्यपाल दोनों सदनों को संबोधित करेंगे। उनके अभिभाषण के साथ ही राज्य सरकार द्वारा जारी अध्यादेशों की प्रतियां सदन के पटल पर रखी जाएंगी और द्वितीय अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा। चार दिसंबर को अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद-विवाद की आग भड़केगी, जिसमें विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा और सत्ता पक्ष तर्कों व तथ्यों से जवाबी हमला बोलेगा। अंतिम दिन यानी पाँच दिसंबर को बजट पर चर्चा, मतदान और फिर विनियोग विधेयकों की मंज़ूरी इस सत्र को औपचारिक रूप से समापन की ओर ले जाएगी।

संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने साफ कहा है कि सरकार पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर रही है और विपक्ष के हर सवाल का मुस्तैदी से जवाब देने को तैयार है। इधर, भाजपा–जदयू और एनडीए के अन्य घटक दल भी अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटे हैं और सोमवार को ही विधायक दल की बैठक में अगली चालों का खाका तैयार करेंगे।

कुल मिलाकर, बिहार विधानमंडल का यह सत्र नई सरकार की पहली असली अग्निपरीक्षा माना जा रहा है, जहाँ राजनीतिक संवाद, आरोप-प्रत्यारोप और नीतिगत बहसों की गरमाहट आने वाले कई महीनों की सियासी दिशा तय करेगी।