Patna highcourt - कैट के सामने हाजिर नहीं होंगे सीएम नीतीश कुमार, पूर्व आईएएस की याचिका को हाईकोर्ट ने किया खारिज, जानें पूरा मामला

patna highcourt - सीएम नीतीश कुमार कैट(Central Administrative Tribunal) के सामने प्रतिवादी बनकर पेश होने की मांग को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह याचिका बिहार के पूर्व आईएएस ने दायर की थी। जिसे कोर्ट ने मानने से इनकार कर दिया है।

Patna highcourt  - कैट के सामने हाजिर नहीं होंगे सीएम नीतीश

patna - पटना हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नाम से प्रतिवादी बनाकर नोटिस जारी कर जवाब तलब करने के मामले में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी शिव शंकर वर्मा को कोई राहत नहीं दी । हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने हर्जाने की राशि को 50 हजार से घटाकर 10 हजार रुपए कर दिया और इस राशि को मुख्यमंत्री रिलीफ फण्ड में जमा कराने का निर्देश वर्मा को दिया।

दरअसल वर्ष 2007 में जब वर्मा सेवा में थे, तो उनके यहां से सोने के इंट, सोने के छड़ सहित भारी संख्या में नकद राशि भी बरामद हुई थी। जाँच के बाद उनके विरुद्ध आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज किया गया।आपराधिक मामलों के अलावा विभागीय कार्यवाही भी चली और उन्हें दोषी पाकर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

इसके विरुद्ध वर्मा ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण(कैट) की पटना पीठ में याचिका दायर की है,जो सुनवाई के लिए लंबित है। इसी मामले में एक आवेदन देकर वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नाम से प्रतिवादी बनाने तथा नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब करने का अनुरोध कैट से किया। लेकिन कैट ने 50 हजार रुपए हर्जाने के साथ उनके आवेदन को खारिज कर दिया।

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कैट के उसी आदेश के खिलाफ वर्मा ने याचिका दायर की थी,जिसकी सुनवाई जस्टिस पी बी बजन्थरी तथा जस्टिस आलोक कुमार सिन्हा की खंडपीठ ने की। वर्मा ने स्वंय बहस किया और कैट के आदेश को रद्द कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कैट में बर्खास्तगी आदेश के खिलाफ दायर मामले में प्रतिवादी बनाने और  नोटिस जारी करने के लिए कैट को निर्देश देने का अनुरोध कोर्ट से किया।

लेकिन महाधिवक्ता पी के शाही ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कैट के निर्णय में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।शाही ने कहा कि कानूनी प्रावधानों के तहत विभागीय कार्यवाही चलाकर नियमानुसार वर्मा को सेवा से बर्खास्त किया गया।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगाए गए  आरोप तथ्यात्मक रुप से गलत और निराधार है।

इसलिए मुख्यमंत्री को प्रतिवादी नहीं बनाया जा सकता है।केंद्र सरकार के वकील अवधेश कुमार पांडेय ने भी कैट के निर्णय को सही ठहराया और महाधिवक्ता का समर्थन किया।कोर्ट ने वर्मा की याचिका को खारिज कर दिया।