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बिहार के सभी विश्विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को अब करना होगा यह काम,शिक्षा विभाग ने कर दिया बड़ा ऐलान.......

बिहार शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक सत्र सुधारने और वित्तीय अनियमितताओं को दूर करने के निर्देश दिए। बैठक में डिजी लॉकर, पेंशन पोर्टल अपडेट और रुसा, पीएम उषा योजनाओं को लागू करने पर चर्चा की गई।

बिहार के सभी विश्विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को अब करना होगा यह काम,शिक्षा विभाग ने कर दिया बड़ा ऐलान.......
Bihar Education Department- फोटो : social media

Bihar Education Department: मंगलवार को आयोजित बैठक में बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भाग लिया, जिसमें शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। बैठक में शैक्षणिक सत्र को समय पर पूरा करने और सुधारने पर विशेष जोर दिया गया, खासकर मगध विश्वविद्यालय, जेपी विश्वविद्यालय छपरा और वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय का शैक्षणिक सत्र सबसे अधिक पीछे चल रहा है, जिसे जल्द ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं।

वित्तीय अनियमितताओं पर कड़ी नजर

अपर मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनियमितताओं को भी सुधारने का निर्देश दिया। इसके साथ ही रुसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) और पीएम उषा (प्रधानमंत्री उन्नति योजना) जैसी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने पर भी चर्चा हुई।

डिजी लॉकर और प्रमाणपत्रों की सुरक्षा

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नए सत्र से सभी विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए डिजी लॉकर की सुविधा शुरू की जाएगी। इसमें छात्रों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, और आवास प्रमाणपत्र सहित अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे।

पेंशन पोर्टल को अपडेट करने के निर्देश

रिटायर्ड कर्मचारियों को समय पर पेंशन देने के उद्देश्य से पेंशन पोर्टल को भी अपडेट करने के निर्देश दिए गए, ताकि सभी संबंधित कर्मचारियों को समय पर पेंशन मिल सके।

निर्माण कार्य में देरी

बैठक में निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान पाया गया कि राज्य के 65 कॉलेजों को 215 करोड़ रुपए दिए गए थे, लेकिन इनमें से 31 कॉलेजों ने अभी तक एक भी रुपया खर्च नहीं किया है। इस बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी अमित सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने विभागीय योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की।

31 कॉलेजों ने नहीं किया फंड का उपयोग

बैठक के दौरान यह पाया गया कि राज्य में 65 कॉलेजों को निर्माण कार्य के लिए 215 करोड़ रुपये दिए गए थे, लेकिन इनमें से 31 कॉलेजों ने एक भी रुपया खर्च नहीं किया है। इन कॉलेजों के प्रति सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए।

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