Bihar Vidhansabha Election: 50 हजार से ज्यादा नगदी लेकर चले तो पकड़ लेगी पुलिस, बिहार चुनाव को लेकर जान लीजिए नगदी रखने का फॉर्मूला
Bihar Vidhansabha Election: बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी-गिनती शुरु हो गई है। 6 अक्टूबर के बाद चुनाव की घोषणा होगी तो वहीं इसके पहले चुनाव के समय लगने वाले नियम सामने आने लगे हैं। जिसमें पैसों को लेकर भी कई नियम सामने आया है...

Bihar Vidhansabha Election: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशासन ने स्टेटिक स्क्वाड टीम (SST) और फ्लाइंग स्क्वाड टीम (FST) को सक्रिय कर दिया है। साथ ही वीडियो व्यूइंग टीम, वीडियो सर्विलांस टीम, एकाउंट टीम और असिस्टेंट एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर की भी प्रतिनियुक्ति की गई है।
50 हजार से अधिक का देना होगा जवाब
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि निर्वाचन अवधि में किसी भी व्यक्ति के पास ₹50,000 से अधिक नकद पाए जाने पर एसएसटी उसे जब्त कर सत्यापन करेगी। वहीं, शराब, हथियार या अन्य आपत्तिजनक सामान मिलने पर तुरंत जब्ती और कार्रवाई होगी।
प्रत्याशियों पर कड़ी नजर
चुनाव आयोग के द्वारा प्रत्याशियों की व्यय सीमा ₹40 लाख तय की गई है। इसके लिए निर्वाचन व्यय कोषांग गठित किया गया है, जो प्रचार सामग्री, वाहन किराया, सभा-जुलूस, बैनर-पोस्टर, सोशल मीडिया प्रचार, कार्यालय व्यय, भोजन वितरण और प्रचार गीतों तक का ब्योरा रखेगा। प्रत्याशियों के व्यय रजिस्टर का मिलान शैडो ऑब्जर्वेशन रजिस्टर (SOR) से किया जाएगा।
कोषांग में तैनात रहेंगे कई कर्मी
कोषांग में नोडल पदाधिकारी, सहायक नोडल पदाधिकारी, डेटा एंट्री ऑपरेटर और अन्य कर्मी तैनात रहेंगे। इसकी मॉनीटरिंग वाणिज्य कर विभाग के अपर आयुक्त करेंगे। वहीं एफएसटी को चुनाव प्रचार से जुड़ी सभी गतिविधियों और आचार संहिता उल्लंघन की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। सभा, रैली, रोड शो और नुक्कड़ नाटक की वीडियो व फोटो रिकॉर्डिंग होगी।
इन क्षेत्रों में खास नजर
वीएसटी (वीडियो सर्विलांस टीम) संवेदनशील इलाकों और हाई प्रोफाइल प्रत्याशियों व स्टार प्रचारकों के कार्यक्रमों की रिकॉर्डिंग और विश्लेषण करेगी। इससे प्रत्याशियों के अनुमानित खर्च का मूल्यांकन होगा।
खर्च पर रोज समीक्षा बैठक
असिस्टेंट एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर (AEO) और एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर (EO) को चुनाव आयोग की "आंख और कान" बताया गया है। ये केंद्रीय सेवाओं से आते हैं और प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार करेंगे। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि खर्च पर नियंत्रण के बिना चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकता, इसलिए सभी टीमों को आपसी समन्वय से काम करना होगा। प्रतिदिन समीक्षा बैठक कर खर्च का मिलान किया जाएगा।