फिक्स था बिहार चुनाव, पहली बार बोले तेजस्वी यादव, कहा - कुछ अद्दृश्य शक्ति कर रही थी काम, जल्द सामने आएगी सच्चाई
बिहार चुनाव में मिली हार के बाद तेजस्वी यादव ने पहली बार इस पर बात की है। उन्होंने चुनाव परिणाम को फिक्स बताते हुए कहा कि इस बार लोकतंत्र की हार हुई है। मशीनरी जीत गई है।
Patna - बिहार चुनाव में मिली हार के बाद तेज्सवी यादव ने पहली बार कैमरे के सामने अपनी चुप्पी तोड़ी है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के पोडकॉस्ट में तेजस्वी ने बिहार चुनाव पर बात की है। उन्होंने पूरे चुनाव को फिक्स बताया। कोई भी यह बात पचा नहीं पा रहा है कि 75 से 25 पर कैसे आ गए। बीजेपी-जदयू के विधायक भी इस बात पर हैरान हैं। यहां लोकतंत्र की हार हुई है, जबकि मशीनरी जीत गई है।
शिक्षा स्वास्थ्य में सबसे फीसड्डी राज्य है। लेकिन बिहार देश में सबसे अधिक युवा है। यहां चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है। यहां तीन कारण से लोग बाहर जाते हैं। दवाई, पढ़ाई कमाई। डबल इंजन की सरकार के रहते कि बिहार में एक भी शुगर मिल नहीं शुरू हो पाया। हर समय यह लोग कट्टे की बात करते हैं।
2020 में हमलोग सरकार बनाने के करीब थे। सिर्फ 12 हजार वोटों से हमलोगों हारे थे। हमने पहले 2020 में घोषणा की कि सरकार बनी तो दस लाख नौकरी देंगे।
2025 में लोगों में गुस्सा था, यहां के युवा नया बिहार बनाना चाहता थे। उन्होंने कहा कि चुनाव में लोकतंत्र हारा है, मशीनरी जीती है। भाजपा के लोगों ने चुनाव जीतने के लिए कोई भी चीज नहीं छोड़ा है। पेंशन बढ़ाने, माई बहिन मान योजना की बात हमने की थी। 20 साल से इन्हें पेंशन बढ़ाने की याद नहीं आई। चुनाव के 10 दिन पहले 40 हजार करोड़ रिश्वत के रूप में बांटे गए। चुनाव के दौरान यह पैसे महिलाओं के खाते में आए।
32 लाख वोट बढ़े
तेजस्वी ने कहा कि एक करोड़ 90 लाख महागठबंधन को मिले। कुल 23 परसेंट हमें मिले। अगर वोट परसेंट बढ़े हैं तो वह बदलाव के लिए बढ़े है। सरकार बचाने के लिए नहीं बढ़े
इलेक्शन कमीशन ने की बेइमानी
तेजस्वी ने कहा कि चुनाव में पोस्टल बैलेट में 143 में महागठबंधन को लीड थी। 94 में एनडीए को लीड थी। लेकिन इवीएम बदलाव नहीं चाहता है। कुछ अदृश्य शक्तियां है, जो काम कर रही थी। अभी पता नहीं चल पा रहा है। लेकिन आनेवाले समय में यह जरुर सामने आएगा।
उन्होंने चुनाव के नियमों में बदलाव पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग को बेइमान बताया। सीसीटीवी फुटेज को 45 दिन ही सुरक्षित रखने का नियम क्यों बनाया गया। सबकुछ पहले से फिक्स था। यह चुनाव क्यों कराया गया। पहले बैलेट से वोटिंग होती थी तो शाम तक कितने परसेंट हुए, यह बता दिया जाता था। अब यह पूरी व्यवस्था बदल दी गई है।
बूथ बढ़ाने का खोला राज
तेजस्वी ने चुनाव आयोग के बूथ बढ़ाने को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बूथ बढ़ेंगे तो मशीन बढ़ेंगे। ऐसे में एक मशीन में अगर 20 वोट का भी खेल होता है तो यह बहुत बड़ा हो जाएगा। तेजस्वी ने कहा कि बिहार के सभी इलाकों में एक ही पैटर्न पर रिजल्ट आया है। सीमांचल में हम लोग बेहतर पोजिशन में थे। लेकिन परिणाम हमारे खिलाफ रहे। कह सकते है पूरा चुनाव बेइमानी से जीती गई।
सभी सांवैधानिक संस्थाओं ने किया कंप्रोमाइज
कपिल सिब्बल के सवाल पर जवाब देते हुए तेजस्वी ने चुनाव आयोग ही नहीं, बल्कि सभी सांवैधानिक संस्थाएं पूरी तरह से कंप्रोमाइज कर चुकी है। यह लोग देश में लोकतंत्र को पूरी तरह से खत्म करना चाहते हैं और उसकी जगह राजतंत्र लाना चाहते हैं।
महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर कहा
चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर आखिरी वक्त तक हो रहे झगड़े को लेकर तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन में कई पार्टियां शामिल थी। फ्रैंडली फाइट मुद्दा नहीं था। जो जहां मजबूत है, वह वहां से चुनाव लड़ना चाहता था।
जंगलराज कोई मुद्दा नहीं
2005 से लगातार क्राइम बढ़े हैं। 20 साल में 70000 सिर्फ मर्डर हुए हैँ। जनता को जंगलराज से कोई मतलब नहीं हैं। नीतीश कुमार भी कह चुके हैं कि मेरे खिलाफ सारे केस फर्जी हैं। सारे केस बंद हो चुके हैं, लेकिन सिर्फ परेशान करना है, करें। आज तानाशाही कर रहे हैं, लेकिन यह सब लंबे समय तक नहीं चलेगा। इनकी जो भावना है एक तरफा राज करने की, यह एक दिन जरूर टूटेगा। इनके आगे न तो लालू यादव झूके थे, न ही तेजस्वी यादव झुकेगा