Bihar Education Department: बिहार में जालसाजों ने किया बड़ा खेला! ACS डॉ. एस. सिद्धार्थ के फेक साइन की मदद से जारी कर दिया फर्जी आदेश, FIR कर जांच शुरू
Bihar Education Department: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के फर्जी हस्ताक्षर से 29 मई को जारी हुआ आदेश निकला फर्जी। TRE-3 शिक्षकों को लेकर फैलाई गई अफवाह, FIR दर्ज।

Bihar Education Department: बिहार शिक्षा विभाग की तरफ से 29 मई 2025 को एक फर्जी आदेश सोशल मीडिया और शिक्षण संस्थानों में तेजी से वायरल हो गया। इस आदेश में लिखा था कि दो जून से प्रारंभ होने वाले ग्रीष्मावकाश के दौरान TRE-3 के शिक्षकों का प्रारंभिक प्रशिक्षण सभी जिलों में आयोजित किया जाए।
यह आदेश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के फर्जी लेटरहेड और हस्ताक्षर पर आधारित था। यह आदेश तीन पन्नों का था और सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEOs) को संबोधित था।
फर्जीवाड़े के संकेत
आदेश का विषय अलग फॉन्ट में था, जबकि मुख्य सामग्री दूसरे फॉन्ट में — जिससे डॉक्यूमेंट की प्रामाणिकता पर प्रश्नचिन्ह लग गया।पत्रांक (Letter Number) भी असामान्य ढंग से लिखा गया था, जो आमतौर पर सरकारी आदेशों में नहीं होता।भाषा में सरकारी टोन की कमी थी, जिससे जानकारों को तुरंत संदेह हुआ।यह दर्शाता है कि जालसाजों ने आदेश तैयार करने में पर्याप्त शोध नहीं किया और फर्जीवाड़ा तुरंत पहचान में आ गया।
शिक्षक समुदाय को मानसिक रूप से प्रभावित करने की साजिश?
TRE-3 (Teacher Recruitment Examination) के शिक्षक पहले ही नियुक्ति प्रक्रिया और प्रशिक्षण को लेकर असमंजस में हैं। ऐसे में यह फर्जी आदेश उनके बीच भ्रम फैलाने,मानसिक दबाव और असुरक्षा पैदा करने और विभागीय अधिकारियों को अनावश्यक अफरा-तफरी में डालने का प्रयास माना जा रहा है।यह एक शरारती और सोची-समझी साइबर साजिश प्रतीत होती है।
पर मुख्य सचिव ने FIR का दिया आदेश
जैसे ही मामला अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के संज्ञान में आया, उन्होंने इसे स्पष्ट रूप से “फर्जी” घोषित किया और:तत्काल FIR दर्ज करने का निर्देश दिया।मामला साइबर थाने को भी सौंपा गया, ताकि दोषियों को तकनीकी माध्यम से ट्रेस किया जा सके।आदेश की प्रतियां सभी DEOs को “Ignore” करने के निर्देश के साथ वापस भेजी गईं।यह त्वरित प्रतिक्रिया विभागीय सजगता और जिम्मेदार नेतृत्व का परिचायक है।