बिहार के खेल क्षेत्र में 'जल' क्रांति: बिहार का यह जिला बनेगा अंतरराष्ट्रीय वाटर स्पोर्ट्स का हब, विदेशी कोच तराशेंगे हीरे!
खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने बांका के ओढ़नी डैम में राज्य की पहली वाटर स्पोर्ट्स अकादमी बनाने का ऐलान किया है। कनाडाई विशेषज्ञ मिस्टर जैक की देखरेख में यहाँ खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
Patna - बिहार के खेल जगत के लिए एक ऐतिहासिक घोषणा हुई है। राज्य की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने औपचारिक रूप से जानकारी दी है कि बांका जिले के प्रसिद्ध ओढ़नी डैम में बिहार की पहली 'वाटर स्पोर्ट्स अकादमी' स्थापित की जाएगी। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण की समीक्षा बैठक के बाद ली गई यह निर्णय राज्य के एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
खेल मंत्री श्रेयसी सिंह की बड़ी घोषणा
खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने बताया कि पिछले दिनों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और खेल मंत्री के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में खेलों के विकास को लेकर एक रोडमैप तैयार किया गया था। इसी सहयोग के आधार पर बिहार में वाटर स्पोर्ट्स को प्राथमिकता दी गई है। प्रस्तावित अकादमी में खिलाड़ियों के लिए सिर्फ आधुनिक प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि विश्व स्तरीय उपकरण, आवास, पौष्टिक भोजन और अंतरराष्ट्रीय कोचों की सुविधा भी एक ही छत के नीचे उपलब्ध होगी।
विदेशी विशेषज्ञों ने किया स्थलों का चयन

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए इंडियन केनोइंग एंड क्याकिंग एसोसिएशन की एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ टीम बिहार भेजी गई थी। इस टीम का नेतृत्व कनाडा के मशहूर ओलंपियन और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ मिस्टर जैक ने किया। टीम में मुख्य प्रशिक्षक प्रदीप नायडू और अंतरराष्ट्रीय एथलीट नमिता भी शामिल थीं। टीम ने राज्य के चार प्रमुख जलाशयों—सासाराम के दुर्गावती डैम, जमुई के गढ़ी डैम, नवादा के हरदिया डैम और बांका के ओढ़नी डैम का बारीकी से तकनीकी मुआयना किया।
ओढ़नी डैम क्यों बना पहली पसंद?
गहन निरीक्षण के बाद विशेषज्ञों ने ओढ़नी डैम को वाटर स्पोर्ट्स के लिए सबसे उपयुक्त पाया। मिस्टर जैक ने ओढ़नी डैम की भौगोलिक स्थिति और जलक्षेत्र की सराहना करते हुए इसे 'दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्थलों में से एक' बताया। उन्होंने कहा कि यहाँ का शांत पानी और प्राकृतिक परिवेश केनोइंग, क्याकिंग और रोइंग जैसे खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है। यहाँ न केवल प्रशिक्षण दिया जा सकता है, बल्कि भविष्य में वैश्विक प्रतियोगिताओं का आयोजन भी संभव है।
वैज्ञानिक प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
मिस्टर जैक फरवरी माह में दोबारा बिहार के दौरे पर आएंगे। इस दौरान वे राज्य के कोने-कोने से प्रतिभावान खिलाड़ियों के चयन (Talent Scouting) की प्रक्रिया शुरू करेंगे। अकादमी में खिलाड़ियों को 'वैज्ञानिक प्रशिक्षण' दिया जाएगा। साथ ही, आधुनिक जेटिस, उपकरणों के चयन और आधारभूत संरचना के निर्माण में तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा ताकि बिहार के खिलाड़ी ओलंपिक जैसे बड़े मंचों के लिए तैयार हो सकें।
राज्य के पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
इस अकादमी की स्थापना से न केवल खेल क्षेत्र में क्रांति आएगी, बल्कि बांका जिला अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर पर्यटन स्थल के रूप में भी उभरेगा। वाटर स्पोर्ट्स अकादमी के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और पर्यटन को गति मिलेगी। खेल विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ वर्षों में बिहार के खिलाड़ी वाटर स्पोर्ट्स में पदक जीतकर देश का नाम रोशन करें।