सियासी गलियारों में 'खेला' होने के संकेत! मुख्यमंत्री आवास में नीतीश-ललन-विजय की गुप्त मीटिंग, खरमास बाद बड़े धमाके की सुगबुगाहट

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ललन सिंह और विजय चौधरी के बीच सीएम आवास में लंबी बैठक हुई। बैठक के बाद नीतीश खुद ललन सिंह को उनके घर छोड़ने गए, जिससे खरमास के बाद बिहार में किसी बड़े राजनीतिक बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है।

सियासी गलियारों में 'खेला' होने के संकेत! मुख्यमंत्री आवास म

Patna : बिहार की राजनीति में एक बार फिर 'सस्पेंस' का दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री आवास (1, अणे मार्ग) में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और कैबिनेट मंत्री विजय चौधरी के बीच हुई लंबी गुप्त मंत्रणा ने सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुँचा दिया है। इस बैठक के दौरान अचानक मंत्री अशोक चौधरी का भी मुख्यमंत्री आवास पहुँचना चर्चा का केंद्र बना रहा।

बंद कमरे में लंबी चर्चा: क्या पक रही है खिचड़ी?

सूत्रों के अनुसार, तीनों दिग्गज नेताओं के बीच बिहार के ताजा राजनीतिक हालात और आगामी रणनीति पर काफी देर तक गहन चर्चा हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद इस स्थानीय बैठक को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में सवाल तैर रहे हैं कि क्या बिहार में सत्ता या संगठन के ढांचे में कोई बड़ा बदलाव होने वाला है?

नीतीश खुद ललन सिंह को छोड़ने उनके आवास पहुँचे

इस बैठक का सबसे दिलचस्प पहलू मीटिंग के बाद का घटनाक्रम रहा। मीटिंग खत्म होते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं केंद्रीय मंत्री ललन सिंह को लेकर उनके आवास तक गए। वहां भी दोनों नेताओं के बीच कुछ देर एकांत में बातचीत हुई। मुख्यमंत्री का खुद ललन सिंह को छोड़ने जाना और उनसे निजी तौर पर विमर्श करना यह दर्शाता है कि जेडीयू के भीतर और एनडीए के साथ तालमेल को लेकर कोई बड़ी पटकथा लिखी जा रही है।

खरमास के बाद 'बड़ा खेल' होने की चर्चा

बिहार की राजनीति में यह माना जाता है कि 'खरमास' के दौरान बड़े फैसले टाल दिए जाते हैं। लेकिन जैसे ही खरमास खत्म होने की तारीख नजदीक आती है, 'खेला' होने की चर्चाएं तेज हो जाती हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री अचानक सक्रिय हुए हैं और अपने सबसे भरोसेमंद करीबियों के साथ मैराथन बैठकें कर रहे हैं, उससे संकेत मिल रहे हैं कि मकर संक्रांति के आसपास बिहार की सियासत में कोई बड़ा उलटफेर या बड़ा फैसला देखने को मिल सकता है।

सियासी सस्पेंस और गर्म बाजार

भले ही जेडीयू के नेता इसे 'शिष्टाचार मुलाकात' करार दे रहे हों, लेकिन मंत्री अशोक चौधरी की मौजूदगी और उसके बाद ललन सिंह के आवास पर नीतीश कुमार की दस्तक ने विपक्ष के कान खड़े कर दिए हैं। चर्चा इस बात की भी है कि क्या कैबिनेट विस्तार या संगठन में किसी नए चेहरे की एंट्री (जैसे निशांत कुमार) को लेकर चर्चा हुई है? फिलहाल, इन मुलाकातों ने पटना से दिल्ली तक कयासों का बाजार गर्म कर दिया है।

रिपोर्ट - अभिजित सिंह