Bihar Election 2025: नई विधानसभा में 90 फीसदी करोड़पति विधायक, बिहार की सियासत में गरीब प्रतिनिधि नदारद, करोड़ों की देनदारी वाले भी पहुंचे सदन
Bihar Election 2025: बिहार की नई विधानसभा में 90% विधायक करोड़पति हैं, यानी राजनीति अब पहले से कहीं अधिक पूँजीबल पर टिक गई है।
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर सूबे में एनडीए की सत्ता वापसी का रास्ता साफ कर दिया है। नई सरकार के गठन से पहले जनता के बीच यह जिज्ञासा तेज़ है कि आखिर सदन में पहुंचने वाले नए विधायकों की असल आर्थिक और कानूनी तस्वीर क्या है कौन अमीर है, कौन गरीब; किसके दामन पर दाग हैं और कौन बेदाग है। इसी उत्सुकता को ध्यान में रखते हुए एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और बिहार इलेक्शन वॉच ने 243 विजयी उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विस्तृत विश्लेषण जारी किया है। नतीजा चौंकाने वाला है बिहार की नई विधानसभा में 90% विधायक करोड़पति हैं, यानी राजनीति अब पहले से कहीं अधिक पूँजीबल पर टिक गई है।
इस दौड़ में सबसे गरीब विधायक बने हैं पीरपैंती से भाजपा प्रत्याशी मुरारी पासवान, जिनकी कुल संपत्ति महज़ 6.53 लाख रुपये है। इनमें 1.53 लाख चल संपत्ति और 5 लाख अचल संपत्ति दर्ज है। दूसरे सबसे कम संपत्ति वाले विधायक हैं भोजपुर के अगिआंव से भाजपा के महेश पासवान, जिनकी कुल संपत्ति 8.55 लाख रुपए है। तीसरे स्थान पर राजनगाँव से भाजपा के सुजीत कुमार हैं, जिनकी संपत्ति लगभग 11 लाख रुपये दर्ज की गई है। यह आंकड़े बताते हैं कि करोड़पति विधायकों के सैलाब के बीच कुछ मुट्ठीभर चेहरे अभी भी बेहद साधारण आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं।
दिलचस्प यह भी है कि 2020 के सबसे गरीब विधायक, RJD के रामवृक्ष कदम की आर्थिक स्थिति में भारी उछाल आया। अलौली से चुनाव जीतने वाले कदम की 2020 में कुल संपत्ति सिर्फ 70 हजार रुपये थी, जो 2025 के आते-आते 85 लाख के पार पहुँच गई। हालांकि, इतनी तेज़ी से बढ़ी संपत्ति के बावजूद वह इस बार अलौली की सीट नहीं बचा सके।
दूसरी तरफ कुछ विधायक ऐसे भी सदन में पहुँचे हैं जिनकी संपत्ति तो करोड़ों में है, मगर कर्ज़ उनसे भी कई गुना अधिक। उदाहरण के तौर पर, RJD के शंभु नाथ यादव की कुल संपत्ति 12 करोड़ रुपये है, लेकिन उन पर देनदारी 66 करोड़ रुपये से भी ज्यादा दर्ज है। इसी सूची में दूसरा बड़ा नाम है मोकामा से बाहुबली छवि वाले अनंत सिंह का 100 करोड़ की संपत्ति और 25 करोड़ की देनदारी।इन 80 करोड़ में नीलम देवी के पास 29.8 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 50.6 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति मौजूद है।
ये आंकड़े बताते हैं कि बिहार की सियासत में धनबल की पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है। जनता के नाम पर राजनीति करने वाले प्रतिनिधियों की आर्थिक सच्चाई एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है—क्या लोकतंत्र वास्तव में आम आदमी की आवाज़ है, या फर्श से अर्श तक की दौड़ में अब सिर्फ पूँजी की ही चलती है?