Bihar liquor smuggling: पुष्पा के अल्लु अर्जुन भी बिहार के शराब तस्करों के आगे हो जाएंगे फेल! तस्करी के लिए लगा रहे ऐसा जुगाड़ कि पुलिस भी हो जा रही परेशान

बिहार में एंबुलेंस और डाक पार्सल वैन का इस्तेमाल शराब और गांजा तस्करी के लिए किया जा रहा है। एंबुलेंस में फर्जी मरीज और वाहनों में बनाए गुप्त चैंबर से हो रही करोड़ों की तस्करी।

Bihar illegal liquor
Bihar illegal liquor- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bihar liquor smuggling: बिहार में शराब बंदी आज से 9 साल पहले हुई थी। हालांकि, ये सिर्फ कागजों पर ही है असलियत में हकीकत कुछ और है। बिहार में शराब धड़ल्ले से तस्करी की जा रही है। इसका उदाहरण आए दिन अखबारों में देखने को मिलता है। इस वजह से जब भी कोई एंबुलेंस सायरन बजाते हुए आपके पास से गुजरती है, आप शायद रास्ता छोड़कर उसे पहले जाने देते हैं। लेकिन क्या आपको अंदाजा है कि इन एंबुलेंस में मरीज नहीं, बल्कि शराब और गांजा की बड़ी खेप ढोई जा रही हो सकती है? बिहार में शराबबंदी के बावजूद माफिया नए-नए तरीके निकालकर तस्करी कर रहे हैं, और अब एंबुलेंस, डाक पार्सल और पेट्रोलियम वाहनों का दुरुपयोग धड़ल्ले से हो रहा है।

एंबुलेंस बन रही शराब माफिया की गुप्त गाड़ी

2 मई को मुजफ्फरपुर के कांटी में उत्पाद विभाग ने एक एंबुलेंस से 42 कार्टन शराब बरामद की, जो सिलीगुड़ी से लाई जा रही थी। इस एंबुलेंस में गुप्त तहखाने बनाए गए थे। ड्राइवर कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं, बल्कि पूर्व से शराब तस्करी में शामिल व्यक्ति था, जो हर बार 20-25 हजार रुपये लेकर डिलीवरी देता था।

गांजा, शराब, सबकुछ आ रहा है ‘एम्बुलेंस एक्सप्रेस’ से

पूर्वी चंपारण: आदापुर के पास एंबुलेंस से 78 किलो गांजा जब्त।

कटिहार: आसनसोल से डाक पार्सल वैन में बड़ी शराब खेप पकड़ी गई।

इन वाहनों में गुप्त स्थान बनाए जाते हैं, जिन्हें पकड़ना बेहद मुश्किल होता है।

वाहन गेराज से उठ रही साजिश

तस्करों ने एंबुलेंस, ट्रक, बाइक और यहां तक कि स्कूटर में भी गुप्त चैंबर बनवा लिए हैं। ये काम मुजफ्फरपुर के चांदनी चौक, बैरिया, और उत्तर प्रदेश के मेरठ, मुरादाबाद, अलीगढ़ के गैराजों में होते हैं।

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कैसे बनाए जाते हैं गुप्त चैंबर?

लोहे की प्लेट से वेल्डिंग कर बनते हैं चैंबर। चेसिस के ऊपर दूसरी परत बनाई जाती है।बोनट, डिक्की, सीट और टंकी के नीचे बनते हैं तहखाने। लागत सिर्फ 30-40 हजार, लेकिन कमाई लाखों में

महिला मरीज बनाकर पार की जाती है शराब

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि महिलाओं को फर्जी मरीज और अटेंडेंट बनाकर एंबुलेंस में बैठाया जाता है, जिससे चेकपोस्ट पर जांच न हो। मुजफ्फरपुर में पकड़े गए मामले में दो महिलाएं शामिल थीं। तस्करी के लिए यह एक भावनात्मक ढाल बन जाती है, जिसे पुलिस भी संदेह से नहीं देखती।

किन राज्यों से लाई जाती है शराब और गांजा?

शराब: पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, सिक्किम, गोवा

गांजा: मणिपुर, असम, ओडिशा

पहुंचाना: बिहार, झारखंड, यूपी के सीमावर्ती जिले

कानून को ठेंगा, पुलिस जांच से बचने की तकनीकें

तस्कर अब इतने शातिर हो गए हैं कि उन्होंने कानून को भी तकनीकी रूप से चकमा देना सीख लिया है। नकली नंबर प्लेट, फर्जी रजिस्ट्रेशन पेपर, और स्पेशल ड्राइवर ट्रेनिंग देकर वे चेकिंग से बचने में माहिर हैं।