Naxalism problem: 'हथियार डाल दें वरना गोली का जवाब गोली से दिया जाएगा',नक्सलवाद पर अमित शाह का सख्त रुख!
Naxalism problem: बिहार के जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने नक्सलवाद को सामाजिक समस्या बताते हुए कहा कि बंदूक से इसका हल नहीं होगा। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ और सख्त रुख का संदेश दिया।

Naxalism problem: जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने नक्सलवाद को "सामाजिक समस्या" करार देते हुए कहा कि इसका समाधान केवल बंदूक से संभव नहीं है।उन्होंने दावा किया कि बिहार पूरे देश के लिए रोल मॉडल है क्योंकि वहां पंचायती राज में पिछड़ों, अति पिछड़ों और महिलाओं को आरक्षण देकर नक्सल आंदोलन की सामाजिक जड़ों को कमजोर किया गया।उनका मानना है कि जब समाज को बराबरी का हक और अवसर मिलता है, तो बंदूक और हिंसा का रास्ता अपने आप कमजोर हो जाता है।
केंद्र का सख्त रुख और ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट
दूसरी ओर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे हथियार डाल दें, वरना गोली का जवाब गोली से दिया जाएगा।उन्होंने छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ की तारीफ करते हुए कहा कि केंद्र सरकार नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए डेडलाइन तय कर चुकी है और विशेष अभियान चल रहा है।शाह ने साफ कहा कि सरकार नक्सलियों को सरेंडर और अरेस्ट करने का मौका देती है।लेकिन निर्दोष नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमला करने वालों को कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
सड़कें और विकास पर नक्सली अड़चन
अमित शाह ने नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की कमी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वामपंथी क्षेत्रों में सड़कें नहीं बन सकीं, क्योंकि नक्सली कॉन्ट्रैक्टर्स की हत्या कर देते थे।सवाल उठाया कि जो बुद्धिजीवी सरकार को दोष देते हैं, वे क्यों पीड़ित आदिवासियों के पक्ष में लेख नहीं लिखते?उन्होंने इसे चुनिंदा संवेदनशीलता करार दिया।
सामाजिक बनाम सुरक्षा दृष्टिकोण
नक्सलवाद पर बिहार और केंद्र की सोच में फर्क साफ दिखाई देता है। नीरज कुमार इसे सामाजिक समस्या मानते हैं, जिसके लिए आरक्षण, शिक्षा और पंचायत स्तर पर सशक्तिकरण को समाधान बताते हैं। अमित शाह का जोर सुरक्षा और कड़ी कार्रवाई पर है, जिसमें नक्सलियों को खत्म करने के लिए ऑपरेशन और सख्त नीति अपनाई जा रही है।