Bihar Land Survey: दाखिल-खारिज और परिमार्जन में सुस्ती पर बड़े साहब ने हड़काया, तीन सीओ पर गिरी गाज, कई पर लटकी तलवार,अधिकारियों में हड़कंप
Bihar Land Survey: दाखिल-खारिज और परिमार्जन के मामलों में देरी को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है। कई अंचलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।

Bihar Land Survey:पटना जिले में दाखिल-खारिज और परिमार्जन मामलों में सुस्ती के कारण तीन अंचलाधिकारियों (सीओ) से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने इस कार्रवाई को उन मामलों की लंबित स्थिति के संदर्भ में किया है, जो 75 दिनों से अधिक समय से अटके हुए हैं। यह निर्णय एक समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें राजस्व मामलों की प्रगति का आकलन किया गया।जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो विभागीय कार्यवाही शुरू की जाएगी। जिन अंचलाधिकारियों से डीएम ने शोकॉज किया है, उसमें पाटलिपुत्र, पालीगंज और बख्तियारपुर के सीओ शामिल हैं।
पाटलिपुत्र, पालीगंज और बख्तियारपुर के सीओ द्वारा दाखिल-खारिज के आवेदन के निष्पादन में लापरवाही के मामले में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने स्पष्टीकरण मांगा है। शुक्रवार को लोक शिकायत से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान तीनों अंचलों के सीओ ने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। उन्होंने बताया कि लोक शिकायत के 17 अपीलीय मामलों की सुनवाई की गई, जिसमें लापरवाही करने वाले तीन अंचल अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया गया है। लोक शिकायत निवारण में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
पटना जिले में दाखिल-खारिज के कुल 21,803 आवेदन लंबित हैं, जिनमें से 7,824 मामले 75 दिनों से अधिक समय से अटके हुए हैं। इसके अलावा, परिमार्जन प्लस के तहत 15,149 आवेदन 120 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं। विशेष रूप से, संपतचक, बिहटा, दीदारगंज, नौबतपुर और दानापुर अंचलों में इन लंबित मामलों की संख्या काफी अधिक है।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यदि संबंधित सीओ द्वारा दो सप्ताह के भीतर इन लंबित मामलों का निपटारा नहीं किया गया तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि सभी अंचल अधिकारियों को अपने स्तर पर पुराने मामले की समीक्षा करनी चाहिए ताकि लोगों को राहत मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ अंचलों जैसे घोसवरी और पंडारक में ऐसे मामले शून्य पाए गए हैं, जबकि अन्य अंचलों को तेजी लाने का निर्देश दिया गया है।
पटना जिले में दाखिल-खारिज और परिमार्जन मामलों में सुस्ती के लिए तीन सीओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है।