Bihar Politics:बिहार विधानसभा को मिल सकती हैं पहली बार महिला स्पीकर! एनडीए में सियासी सुगबुगाहट तेज, भाजपा रचेगी का नया इतिहास!
Bihar Politics: भाजपा पहली बार किसी महिला विधायक को विधानसभा का अध्यक्ष बनाकर नया इतिहास रचने जा रही है?
Bihar Politics: बिहार की सियासी फिजा इन दिनों विधानसभा अध्यक्ष के नाम को लेकर गर्म है। एनडीए के भीतर यह लगभग तय माना जा रहा है कि स्पीकर की कुर्सी भाजपा के खाते में जाएगी। लेकिन इस बार असली सियासत इस संभावना पर घूम रहा है कि क्या भाजपा पहली बार किसी महिला विधायक को विधानसभा का अध्यक्ष बनाकर नया इतिहास रचने जा रही है?
भाजपा के पास इस समय 10 महिला विधायक हैं और पार्टी के पास वही मौका है, जैसा केंद्र में 16वीं लोकसभा में सुमित्रा महाजन को स्पीकर बनाकर प्रस्तुत किया गया था। बिहार में भी ऐसा नज़ीर पेश हो सकता है।
इसी बीच पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी का बयान सियासी गलियारों में चर्चा का नया नक़्श खींच रहा है। उन्होंने साफ कहा कि मैं भाजपा की कार्यकर्ता हूं, पद मेरी लालसा नहीं। जो भी पार्टी का फ़ैसला होगा, वह सिर-आंखों पर। यह बयान भले ही सादगीभरा लगे, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे एक इशारा माना जा रहा है कि नाम उनकी कतार में शामिल है, चाहे वे दावा ना करें।
इस चुनाव में महिलाओं ने एनडीए के पक्ष में पुरुषों की तुलना में साढ़े आठ प्रतिशत अधिक वोट कर चुनावी नतीजों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भाजपा के 101 उम्मीदवारों में से 10 महिला विधायक जीतकर आयी हैं। इनमें बेतिया से जीतने वाली रेणु देवी जो अति पिछड़ा समाज से हैं पहले डिप्टी सीएम रह चुकी हैं। परिहार से जीतकर आयीं गायत्री देवी अपनी पांचवीं जीत दर्ज करा चुकी हैं। वहीं, छपरा की छोटी कुमारी और अलीनगर की मैथिली ठाकुर पहली बार सदन में पहुँची हैं। निशा सिंह, कविता देवी और संगीता देवी अपना दूसरा कार्यकाल निभा रही हैं।
पूरे एनडीए में 26 महिला विधायक चुनी गई हैं जिनमें भाजपा और जदयू की 10-10, हम की दो, लोजपा आर की तीन और एक रालोमो से जीती है। राजद से सिर्फ तीन महिला विधायक सदन पहुँची हैं।
हालांकि, भाजपा के भीतर फिलहाल सबसे अधिक चर्चा डॉ. प्रेम कुमार के नाम की है। चंद्रवंशी समाज और मगध इलाके से आने वाले डॉ. प्रेम कुमार एक अनुभवी चेहरा हैं, जो कई विभागों में मंत्री रह चुके हैं। इसके साथ ही नयी सरकार में इसी समाज से डॉ. प्रमोद चंद्रवंशी को भी मंत्री बनाना और पिछले वर्ष डॉ. भीम सिंह को राज्यसभा भेजना इस समुदाय की राजनीतिक अहमियत को और मजबूती देता है।
अब पूरा सवाल यह है कि भाजपा क्या परंपरा बनाएगी अनुभवी डॉ. प्रेम कुमार को मौका देकर?या फिर महिला को कमान देकर नया अध्याय लिखेगी?विधानसभा अध्यक्ष के सिंहासन की यह सियासी रस्साकशी फिलहाल बिहार की राजनीति का सबसे गरम मुद्दा बनी हुई है।