Bihar Land Survey : बिहार सरकार का बड़ा आदेश, इन अधिकारियों और कर्मियों की हुई सर्वे के काम से छुट्टी..भेजा गया यहां...

Bihar Land Survey - बिहार सरकार ने लैंड सर्वे के काम में तेजी लाने के लिए सभी जिलों के डीएम को बड़ा आदेश जारी किया है। विभाग ने कहा है कि सर्वे से जुड़े अधिकारियों और कर्मियों को दूसरे कार्य से हटाया जाए।

Bihar Land Survey : बिहार सरकार का बड़ा आदेश, इन अधिकारियों

Patna - बिहार में लैंड सर्वे का काम समय पर पूरा करने को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग गंभीर है। विभाग ने साफ कर दिया है कि जो कर्मी सर्वे के कार्य से जुड़े हैं, उन्हें किसी दूसरे कार्य में शामिल नहीं किया जाए। इस संबंध में विभाग ने सभी जिलों को निर्देशा जारी किया है और इस पर तत्काल प्रभाव के काम करने के लिए कहा है।

दरअसल, अभी यह देखा जा रहा है सर्वेक्षण कार्यों में लगे कर्मी और पदाधिकारियों से विधि व्यवस्था से संबंधित कामकाज भी कराया जा रहा है। इसपर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निदेशक ने आपत्ति जताई है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को इससे अवगत कराया है।

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विधि व्यवस्था में शामिल होने के सर्वे का कार्य हो रहा प्रभावित

विभाग ने कहा है कि सर्वेक्षण कार्यों को ससमय पूरा किया जाना आवश्यक है। इसकी उच्चस्तरीय मानिटरिंग की जा रही है। रैयतों द्वारा रुचि नहीं लेने के कारण इसमें देरी हो रही है, इसके अलावा कर्मी और पदाधिकारियों से विधि व्यवस्था से संबंधित कार्य लेने के कारण और अधिक समय लग रहा है। इससे कार्य भी प्रभावित हो रहा है और इसकी गति भी बहुत धीमी है। 

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राजस्व विभाग ने सर्वेक्षण कार्यों में लगाए गए कर्मी व पदाधिकारियों से किसी प्रकार का दूसरा कार्य नहीं लेने का अनुरोध किया है। सर्वेक्षण के अलावा सिर्फ निर्वाचन संबंधित कार्य करने की छूट दी गई है।

समीक्षा बैठक में हुई थी चर्चा

बता दें कि पिछले दिनों निदेशक के स्तर से भूमि सर्वे के कार्यों की समीक्षा की गई थी। इस दौरान पाया गया कि विभिन्न जिलों में सर्वेक्षण कार्यों में लगाए गए कर्मी और पदाधिकारियों से विधि व्यवस्था या अन्य प्रकार के कार्य भी कराए जा रहे हैं। जिससे सर्वे के काम प्रभावित हो रहे है। इसे गंभीर मामला  बताया गया और इसपर उन्होंने रोक लगाने की बात कही है।

मुजफ्फरपुर जिले में 26 लाख से अधिक खेसरा है। जबकि अब तक मात्र 3.55 लाख रैयतों ने ही स्वघोषणा पत्र जमा किया है। 31 मार्च तक स्वघोषणा पत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि निर्धारित थी, लेकिन राज्य के विभिन्न जिलों में 50 प्रतिशत भी कार्य का निष्पादन नहीं हुआ। इसे देखते हुए राजस्व एव भूमि सुधार विभाग ने अवधि विस्तार करने का आदेश जारी किया था।